दिल्ली के विभिन्न जिला श्रम कार्यालयों पर ऐक्टू (AICCTU) से सम्बद्ध यूनियनों ने आज विरोध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन ऐक्टू (AICCTU) व आल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (AICWF) के द्वारा आयोजित देशव्यापी विरोध दिवस के तहत दिल्ली समेत देश तमाम राज्यों में किया गया। प्रदर्शन मुख्यतः, मोदी सरकार द्वारा श्रम-कानूनों को खत्म करने, बेरोज़गारी-महंगाई पर रोक लगाने, संघ-भाजपा द्वारा फैलाये जा रहे साम्प्रदायिकता के खिलाफ किया गया।
यूनियनों ने कहा कि आर्थिक मंदी, बेरोज़गारी और मंहगाई से ध्यान हटाने के लिए पूरे देश को धर्म-सम्प्रदाय के नाम पर बांट रही है मोदी सरकार।
श्रम-कानूनों को कोड बिल लाकर खत्म करना, मज़दूरों को गुलाम बनाने की साजिश है
पूर्वी और उत्तर पूर्वी जिले में काम करनेवाले श्रमिकों ने झिलमिल कॉलोनी स्थित उप-श्रमायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। यहां उपस्थित मज़दूरों ने एक सुर में मोदी सरकार द्वारा निर्माण मज़दूरों के कल्याण के लिए बने कानूनों के साथ हो रही छेड़छाड़ का विरोध किया। अपनी बात रखते हुए निर्माण कार्य करनेवाले एक मज़दूर ने बताया कि, “कई बार कार्यस्थलों पर दुर्घटनाएं हो जाती हैं, जूते घिसने के बावजूद न तो हमे मुआवजा मिलता है और ना ही मालिक को सज़ा। जब श्रम कानून रहते हुए ये हालात हैं, तो इनके खत्म हो जाने से तो मज़दूर गुलाम बनकर रह जाएगा।” धरनास्थल पर मौजूद मज़दूरों को संबोधित करते हुए ऐक्टू दिल्ली के कार्यकारी अध्यक्ष वी.के.एस गौतम ने बताया कि आनेवाली 8 जनवरी 2020 को इन्ही मुद्दों को लेकर, संयुक्त ट्रेड यूनियनों द्वारा देशव्यापी हड़ताल का आह्वान है। उन्होंने हड़ताल में पूरी ताकत लगाने की बात कही और धर्म-सम्प्रदाय से ऊपर उठकर व्यापक बनाने पर ज़ोर दिया।
एक ओर तो निजी वाहनों से लगनेवाले जाम और प्रदूषण से सभी दिल्ली वाले परेशान हैं, वहीं बिना वैकल्पिक रोज़गार या बेरोज़गारी भत्ते के घोषणा के, लगातार निर्माण-कार्य पर चल रहे रोक से लाखों मज़दूर बेरोज़गार हो गए हैं। उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी जिले में स्थित श्रम कार्यालय पर भी धरने में कई मज़दूरों ने हिस्सा लिया। मूलतः बिहार से आनेवाले, राजीव कुमार पंडित, जो कि स्वयं मिस्त्री का काम करते हैं और ‘बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन’ के अध्यक्ष हैं ने बताया कि,”मज़दूर वर्ग बढ़ रहे प्रदूषण के चलते तो परेशान है ही, प्रदूषण रोकने के नाम पर हो रहे काम-बन्दी से उसके भूखों मरने की नौबत आ गई है।
प्रदर्शन में मौजूद सभी मज़दूरों ने सरकार से राहत की मांग की और एकजुट होकर संघर्ष करने की बात कही।
अभिषेक, महासचिव, ऐक्टू दिल्ली द्वारा जारी