नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध जारी है.केरल और पंजाब सरकार द्वारा नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित किये जाने के बाद अब राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने भी इस प्रस्ताव के लिए प्रस्ताव पारित किया है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.
#Rajasthan Assembly has passed a resolution today against the #CAA and we have urged the Central govt to repeal the law as it discriminates against people on religious grounds, which violates the provisions of our Constitution.
1/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 25, 2020
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने लगातार चार ट्वीट किये हैं.
Our Constitution prohibits any kind of discrimination. This is the first time in the history of the nation that a law has been enacted which discriminates people on religious grounds. It violates secular principles of our constitution and also Article 14 of our Constitution.
2/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 25, 2020
सदन में इस प्रस्ताव को रखे जाने के बाद बीजेपी विधायकों ने खूब हंगामा किया किन्तु अंत में बिल सदन से पास हो गया.
Article 14 clearly states that the State shall not deny to any person equality before the law or the equal protection of the laws within the territory of India. CAA clearly violates this article therefore it should be repealed.
3/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 25, 2020
संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया गया. उन्होंने प्रस्ताव को पढ़ते हुए मांग की इसमें मुसलमानों को भी शामिल किया जाना चाहिए जिन्हें संशोधित कानून के तहत नागरिकता दी जा सकती है.
The term secular in the Constitution of India means that all the religions in India get equal respect, protection and support from the State. CAA aims to change this basic principle. For this very reason, CAA has been opposed across the country.
4/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 25, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा है कि वर्तमान नागरिकता संशोधन कानून संविधान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है और धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण है. हमारा संविधान किसी भी तरह के भेदभाव के खिलाफ है.
Rajasthan Government has a passed a resolution against #CitizenshipAmendmentAct.
— ANI (@ANI) January 25, 2020
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि, यह कानून संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत के खिलाफ है तथा अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है. अनुच्छेद 14 सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्रदान करता है और साफ़ निर्देश देता है कि राज्य किसी भी आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकता.
राजस्थान विधानसभा में सीएए, एनआरसी और एनपीआर तीनों के खिलाफ संकल्प पारित किया गया है.