कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कांग्रेस की बसों की यूपी में एंट्री देने की मांग की है. प्रियंका गांधी ने एक वीडियो संदेश ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि “आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है. हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. हमें इनकी मदद करने दीजिए.
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मैं आपसे निवेदन कर रही हूँ, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। pic.twitter.com/K2ldjDaSRd
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका गांधी ने बॉर्डर पर खड़ी बसों को वीडियो पोस्ट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं. हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं. योगी आदित्यनाथ जी परमीशन दीजिए. हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए
हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों की संख्या में राष्ट्र निर्माता श्रमिक और प्रवासी भाई-बहन धूप में पैदल चल रहे हैं।
परमीशन दीजिए @myogiadityanath जी, हमें अपने भाइयों और बहनों की मदद करने दीजिए pic.twitter.com/kNyxdKyxZA
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने कल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक हज़ार बसें चलाने की इजाज़त मांगी थी. और आज दोपहर कांग्रेस की ओर से मज़दूरों को यूपी के गाँव-गाँव पहुँचाने के लिए 500 बसें बहज गोवर्धन बार्डर पर पहुंच गईं. लेकिन मथुरा जिला प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के चलते इन बसों के साथ आये कांग्रेस नेता बहज बॉर्डर पार न कर सके।
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र और यूपी की सरकार ने लाखों मज़दूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। लोग हज़ारों किलोमीटर की पैदल यात्रा करने को मजबूर हैं। बच्चे और महिलाएं भी बड़े पैमाने पर शहरों से अपने गांव पैदल लौट रहे हैं, लेकिन सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। कांग्रेस का मानना है कि ऐसे में उसे जनता की सेवा करने का मौका दिया जाये।
प्रियंका गाँधी ने योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर एक हजार बसें गाज़ियाबाद और नोएडा बार्डर से चलाने की अनुमति माँगी थी और आज इस पर अमल के लिए एक कदम आगे बढ़ा दिया। प्रियंका गाँधी ने ट्वीट करके लिखा-
यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं। वो धूप में पैदल चल रहे हैं, आज वो घंटों खड़े रखे जा रहे हैं। उन्हें अंदर आने नहीं दिया जा रहा। उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है। जीविका ठप पड़ी है।
हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा।
मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा। ज्यादा ट्रेनें चलाइए, बसें चलाइए।
हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है हमें सेवा करने दीजिए।
..मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा। ज्यादा ट्रेनें चलाइए, बसें चलाइए।
हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है हमें सेवा करने दीजिए। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 17, 2020
प्रियंका गाँधी जिस तरह से बसों के साथ बार्डर पर तैनात हैं, उससे बीजेपी असहज ज़रूर है। अगर वो इजाज़त देती है तो बड़ी राजनीतिक हार होगी। नहीं देती है तो असंवेदनशील घोषित होने का ख़तरा भी है।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस ने अब तक कोरोना संकट के दौरान सरकार का तीखा विरोध न करने की रणनीति में बदलाव किया है। खासतौर पर मज़दूरों की पीड़ा के जैसे दृश्य सड़कों पर नज़र आ रहे हैं, उसके बाद शायद चुप रहना संभव भी नहीं है। राहुल गाँधी ने फुटपाथ पर बैठकर मज़दूरों का हाल जाना और आज प्रियंका गाँधी ने अपने ऐलान को अमल में लाते हुए जिस तरह पांच सौ बसें बार्डर पर तैनात कर दी है, उसके बाद सरकार के लिए इस मुद्दे पर आँख मूंदना मुमकिन नहीं रह जाएगा। अगर देश के सबसे बड़े विपक्षी दल की यह भंगिमा असरदार साबित हुई तो लाखों मज़दूरों की पैरों में पड़े छालों में थोड़ा मरहम तो लगेगा ज़रूर।
मुख्य तस्वीर में बसें प्रतीकात्मक हैं।