पिछले दिनों मीडिया ने गोरखपुर में दिमाग़ी बुख़ार से मरने वालों में चमत्कारी कमी का दावा किया गया था। दावे का आधार था मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान जिसे आप्तवचन मानकर प्रकाशित-प्रसारित किया गया।
बहराहल, आँकड़े बता रहे हैं कि बीआरडी मेडिकल कालेज में नौ महीने में इंसेफेलाइटिस (जेई/एईएस) से 218 लोगों की मौत हुई है। इंसेफेलाइटिस से सबसे अधिक 36 मौतें सिर्फ़ गोरखपुर जिले में हुई हैं। कुल मिलाकर मृत्य दुर में इज़ाफ़ा हुआ है।
1 जनवरी से 2 अक्टूबर तक मिले आंकड़े के अनुसार इस अवधि में बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस के 766 मरीज भर्ती हुए जिसमें 218 की मौत हो गई। यहां भर्ती होने वाले मरीज गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, मउ, गोंडा, गाजीपुर, बलरामपुर, बलिया, आजमगढ़ के अलावा बिहार और नेपाल के हैं
AD | DEATH | |
GORAKHPUR | 199 | 36 |
Mahrajganj | 62 | 20 |
Kushinagar | 114 | 28 |
Deoria | 120 | 27 |
Basti | 45 | 19 |
Siddarthnagar | 61 | 22 |
Santkabeernagar | 53 | 16 |
Mau | 13 | 06 |
Gonda | 03 | 01 |
Ghazipur | 03 | 01 |
Balrampur | 06 | 03 |
Ballia | 02 | 01 |
Azamgarh | 02 | 01 |
Bihar | 80 | 36 |
Nepal | 03 | 01 |
Total | 766 | 218 |
(वर्ष 2018 के आंकड़े 2 अक्टूबर तक के हैं ) गत चार वर्षों के मुकाबले इंसेफेलाइटिस के मरीजों की संख्या तो घटी है लेकिन मृत्यु दर इस वर्ष काफी है। इस वर्ष मृत्यु दर 28.45 फीसदी है जबकि वर्ष 2014 में 28.33, 2015 में 21.03, 2016 में 26.16 और 2017 में 21.61 फीसदी थी।
2014 | 2015 | 2016 | 2017 | 2018 | ||||||
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Total | 1401 | 397 (28.33) | 1184 | 249 (21.03) | 1204 | 315 (26.16) | 1226 | 265 (21.61) | 766 | 218 (28.45 |
इन आंकड़ों के अनुसार इंसेफेलाइटिस का सर्वाधिक प्रकोप गोरखपुर जिले में हैं. यहां कुल मरीजों का 25 फीसदी से ज्यादा मरीज पाए गए हैं।