नरोदा पाटिया हिंसा में NIA की अदालत द्वारा ‘मास्‍टरमाइंड’ ठहरायी गईं माया कोडनानी बरी

गुजरात दंगों के दौरान नरोदा पाटिया में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा के मामले में गुजरात उच्‍च न्‍यायालय ने शुक्रवार को मुख्‍य आरोपी माया कोडनानी को बरी कर दिया जो गुजरात की पूर्व मंत्री हैं। इस मामले में अदालत ने बाबू बजरंगी को अब भी दोषी बनाए रखा है।

गुजरात उच्‍च न्‍यायालय की एक खंडपीठ ने नरोदा पाटिया जनसंहार मामले में कोडनानी को बरी कर दिया, जिन्‍हें निचली अदालत ने गोधरा में जलाई गई ट्रेन में मारे गए कारसेवकों का बदला लेने के लिए मुसलमानों को मारने के लिए भीड़ को उकसाने का दोषी पाते हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी। अदालत दोषियों, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआइटी और दंगा पीडि़तों द्वारा दायर 11 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

जस्टिस हर्षा देवानी और एएस सुपेहिया की खंडपीठ ने पिछले साल अगस्‍त में अपने इस फैसले को सुरक्षित रखा था। अदालत ने कुल 11 याचिकाओं पर सुनवाई की जिसमें दोषियों ने अपने दंड के खिलाफ अपील की थी लेकिन एसआइटी ने तीन दोषियों की सज़ा बढ़ाने की अपील की थी जिनमें एक बजरंग दल का नेता बाबूभाई पटेल था।  इसके अलावा एसआइटी ने सात आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ भी अपील की थी।

एनआइए की निचली अदालत ने माया कोडनानी को 22 के नरोदा पाटिया दंगों का मास्‍टरमाइंड ठहराया था। इसके बाद माया कोडनानी ने कई साक्षात्‍कारों में खुद को फंसाए जाने की बात कही थी। उनके खिलाफ प्रत्‍यक्षदर्शी गवाह थे जिन्‍होंने दंगों के दौरान उन्‍हें भीड़ को उकसाते हुए देखा था, इसके बावजूद अदालत ने उन्‍हें आज बरी कर दिया। वहीं बाबूभाई पटेल को दोषी ही बनाए रखा है।

सोशल मीडिया पर माया कोडनानी और नरोदा पाटिया हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। कुछ दिनों पहले हैदराबाद की मक्‍का मस्जिद ब्‍लास्‍ट में असीमानंद के बरी होने के बाद अब माया कोडनानी को बरी होना एक चौंकाने वाली घटना माना जा रहा है। प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।

 

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