लोकसभा चुनाव की आहट के बीच रोज़गार के आँकड़े प्रधानमंत्री मोदी के लिए बुरी ख़बर की तरह आए हैं। सेंटर फॉर मानिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक 2018 में एक करोड़ नौ लाख लोगों ने रोज़गार खोए। काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने तंज़ किया है कि पीम मोदी बस ‘राग जुमला’ अलाप रहे हैं।
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बतौर नरेंद्र मोदी ने दो करोड़ रोज़गार हर साल देने का वादा किया था। लेकिन नए रोज़ागर सृजन की बात तो दूर, रोज़गारशुदा लोगों के बेरोज़गार होने का सिलसिला तेेज़ हो गया। CMIE की रिपोर्ट में दावा किया गया कि दिसंबर 2018 में 39 करोड़ 70 लाख रोजगार ही रिकॉर्ड किए गए, जो दिसंबर 2017 के 40 करोड़ 79 लाख रोजगार के मुकाबले एक करोड़ 9 लाख कम है। इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र के लोग प्रभावित हुए हैं। इससे सबसे ज्यादा पूर्वी क्षेत्र प्रभावित हुआ है। एक आंकड़े के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 91 लाख नौकरियां और शहरी क्षेत्र में 18 लाख नौकरियां कम हुई हैं। भारत की दो तिहाई जनता ग्रामीण इलाकों में ही रहती है।
इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने बिजनेस टुडे की उस खबर को पोस्ट किया है, जिसमें सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया है कि साल 2018 में करीब एक करोड़ 10 लाख लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी। इस एनालिसिस रिपोर्ट में कहा गया कि इतनी नौकरियों के कम होने से अशिक्षित महिलाएं और दिहाड़ी मजदूर, खेतिहर मजदूर और छोटे व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।