कर्नाटक के चामराजनगर जिले के एक मंदिर में प्रसाद खाने से 15 श्रद्धालुओं की मौत के सनसनीखेज़ मामले में पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष, जो एक पुजारी भी है और उसके तीन साथियों को गिरफ़्तार कर लिया है। इनमें एक महिला भी है। पुलिस के मुताबिक ट्रस्ट का अध्यक्ष चाहता था कि उसका विरोध करने वाले दूसरे ट्रस्टी बदनाम हो जाएँ ताकि वह पहले की तरह मंदिर पर एकाधिकार रख सके।
यह घटना बीते शुक्रवार की है जब 15 श्रद्धालु ज़हरीला प्रसाद खाकर मारे गए। करीब सौ श्रद्धालु अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं जिनमें 20 की हालत नाज़ुक है। पुलिस जाँच से पता चला है कि पुजारी पत्तडा इम्मादी महादेव स्वामी के कहने पर उसकी एक सहयोगी अंबिका ने अपने पति मदेश और दोस्त डोडैया के साथ मिलकर प्रसाद के चावल में दो बोतल कीटनाशक मिलाया था। मदेश मंदिर का मैनेजर भी है। इरादा था कि मंदिर प्रशासन बदनाम हो जाए ताकि ट्रस्ट पूरी तरह महादेव स्वामी के हाथ में आ जाए।
यह मंदिर हनूर तालुका के सुलावडी गांव में है। इस किचुकुट्टी मराम्मा मंदिर का नियंत्रण कुछ समय पहले तक पूरी तरह महादेव स्वामी के हाथ था जो माले महादेश्वरा घाटी स्थित सल्लूर मठ का पुजारी भी है। मंदिर में चढ़ावा लगातार बढ़ रहा था। महादेव स्वामी सबकुछ निजी अकाउंट में रखता था जिस पर स्थानीय लोगों ने ऐतराज किया और कुछ महीने पहले एक ट्रस्ट का गठन कर दिया गया।
ट्रस्ट बनने से महादेव स्वामी की शक्ति घट गई जो उसे बरदाश्त नहीं हो रहा था। हाल ही में वह मंदिर में एक गोपुर बनवाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का ठेका एक आर्कीटेक्ट को देना चाहता था लेकिन ट्रस्टियों ने इस फैसले को पलट दिया। सिर्फ 50-55 लाख खर्च करने र 14 दिसंबर को आधारशिला रखने का फैसला कर लिया जिसकी सूचना भर महादेव स्वामी को दी गई। इससे उसने खुद को अपमानित महसूस किया।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र मीणा के मुताबिक प्रसाद में जहर मिलाने की साजिश रची गई ताकि ट्रस्ट बदनाम हो जाए। उसके कहने पर अंबिका ने 13 दिसंबर को कृषि विभाग में काम करने वाले अपने एक रिश्तेदार से दो बोतल कीटनाशक की व्यवस्था की और मंदेश और डोडैया के साथ मिलकर प्रसाद में मिला दिया।
पुलिस ने इस मामले में हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।