जीडीपी, बेरोज़गारी और टीका नीति को लेकर राहुल-प्रियंका का केंद्र पर ताबड़तोड़ हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और महासचिव प्रियंका गाँधी ने अर्थव्यवस्था और कोरोना से बिगड़े हालात को लेकर मोदी सरकार पर ताबड़तोड़ हमला बोला है। कांग्रेस के मुताबिक मोदी सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश में बदहाली आयी है।

जीडीपी के ताज़ा आंँकड़े बताते हैं कि यह लुढ़ककर -7.3 फ़ीसदी हो गयी है। यानी शून्य से भी नीचे। जबकि कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक करोड़ लोगों के बेरोज़गार होने की ख़बर है। राहुल गाँधी ने इसे ट्वीट कर पीएम मोदी को निशाने पर लिया–

 

राहुल गाँधी ने इसके पहले टीकाकरण की धीमी रफ्तार को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुए यहाँ तक कह दिया था कि यह नीति भारत माता के सीने में खंजर घोंपने के समान है।

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी भी अपना ज़िम्मेदार कौन अभियान जारी रखे हुए हैं जिसके तहत वे केंद्र सरकार से रोज़ाना सवाल पूछती हैं। आज उन्होंने वैक्सीन वितरण नीति और दाम में फ़र्क़ का सवाल उठाया। उन्होंने पूछा जब 60 फीसदी आबादी के पास इंटरनेट नहीं है तो ऐप आधारित वैक्सीन लोगों को कैसे मिल पायेगी। ग़ौरतलब है कि कल सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी अंदाज़ में केंद्र सरकार को घेरते हुए ज़मीनी हक़ीक़त समझने की नसीहत दी थी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फ़ेसबुक पोस्ट लिखकर कहा कि सरकार भारत की मात्र 3% जनसंख्या का फुल वैक्सीनेशन कर पाई है, जोकि सुरक्षा कवच तैयार करने वाले वैक्सीनेशन टारगेट से बहुत पीछे है। उन्होंने कहा कि ये हैरान करने वाली बात है कि दूसरी लहर के कहर के समय जब मोदी सरकार को वैक्सीन वितरण की व्यवस्था की बागडोर और ज्यादा मजबूती से अपने हाथों में लेनी था, उस समय सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए वैक्सीन वितरण का दारोमदार राज्य सरकारों पर डाल दिया।

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार ने अप्रैल तक लगभग 34 करोड़ वैक्सीनों का ऑर्डर ही दिया था। अभी की गति के अनुसार मई में प्रतिदिन औसतन मात्र 19 लाख लोगों को वैक्सीन लग रही है। सरकार ने दिसंबर तक सबको वैक्सीन देने का दावा तो किया है, लेकिन इसके लिए प्रतिदिन 70-80 लाख वैक्सीन लगाने की कोई कार्ययोजना देश के लोगों के सामने नहीं रखी है।

प्रियंका गांधी ने वैक्सीन के तीन अलग- अलग दामों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जब वैक्सीन देशवासियों को ही लगनी है तो ये भेदभाव क्यों। क्यों एक देश और वैक्सीन के तीन अलग- अलग दाम।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण की दिशाहीनता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की दिशाहीन नीति के चलते कई राज्य वैक्सीनों के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने को मजबूर हुए। आज Moderna, Pfizer जैसी कम्पनियों ने राज्यों से सीधे वैक्सीन की डील करने से मना कर दिया है और केंद्र से डील करने की बात कही है। प्रियंका गांधी ने पूछा है कि आज आखिर क्यों ऐसी नौबत आई कि राज्य सरकारों को ग्लोबल टेंडर निकालकर आपस में ही प्रतिद्वंदिता करनी पड़ रही है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केवल एप आधारित वैक्सीन वितरण प्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 60% आबादी के पास इंटरनेट नहीं है। शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को कोविन एप में रजिस्टर करके वैक्सीन के स्लॉट पाने में दिक्कत हो रही है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में और इंटरनेट से वंचित लोगों के लिए वैक्सीन के स्लॉट पाना तो बड़ा मुश्किल होगा। आखिर क्यों सरकार ने वैक्सीन वितरण नीति बनाते समय डिजिटल साक्षरता एवं इंटरनेट की अनुपलब्धता जैसे बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा।

प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की वैक्सीन वितरण नीति एकदम ढुलमुल है। तमाम विशेषज्ञ लगातार आगाह करते रहे हैं कि कोरोना से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन जरूरी है, लेकिन सरकार ने आज सबको वैक्सीन देने की योजना को गर्त में धकेल दिया है।

 

 

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