यूपी: जौनपुर में नाबालिग बच्ची तो बलिया में मानसिक रूप से बीमार किशोरी से रेप, थाना घेरा

उत्तर प्रदेश में रेप की वारदातें बढ़ती ही जा रही हैं। हर रोज़ राज्य के किसी कोने से दरिंदगी की एक खबर आ ही जाती है। लेकिन इस बार बलिया और जौनपुर जनपद से दो किशोरियों से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इन दोनो मामलों में पुलिस की ढिलाई भी सामने आई है।

जौनपुर

पहला मामला जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। जहां एक नाबालिक लड़की बाजार से सब्जी लेकर घर लौट रही थी, तभी किशोरी को गांव का ही युवक जबरन खेत में खींचकर ले गया और दुष्कर्म को अंजाम दिया। बच्ची के पिता ने तहरीर दी, जिसमे उसने बताया कि रविवार को शाम 7 बजे उसकी नाबालिग बेटी साइकिल से गांव के बाहर सब्जी लेने गई थी।

जब वह घर वापस लौट रही थी तो रास्ते में उसी गांव का एक युवक लड़की को जबरदस्ती पकड़ कर खेत में ले गया और वहां अपने नापाक इरादे को अंजाम दिया। जब उसकी बेटी ने शोर मचाया तो उसकी आवाज़ सुन कर गांव के लोग दौड़ पड़े लेकिन मौके पर पहुंचने से पहले ही आरोपी भाग गया। जब पीड़िता घर आई तो उसने परिजनों को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया।

पीड़ित पक्ष के लोगों ने किया थाने का घेराव..

इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर ठीक से कार्रवाई न करने का आरोप लगाया और पुलिस की कार्रवाई से नाराज़ पीड़ित पक्ष के लोगों ने सोमवार की सुबह 10 बजे थाने का घेराव किया। परिजनों का कहना है कि पुलिस पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद लौट गई।इसी लिए थाने का घेराव किया।

वहीं परिजनों के इस आरोप पर थानाध्यक्ष संतोष कुमार शुक्ल का कहना है की रात डेढ़ बजे ही पीड़िता के पिता से मिली तहरीर के आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया था। पीड़ित पक्ष को मुकदमा दर्ज किए जाने की जानकारी नहीं थी, इस वजह से उन्होंने सोमवार को विरोध किया। फिलहाल आरोपी की तलाश की जा रही है।

यह गैर करने वाली बात है की परिजन को ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की जानकारी नहीं दी, न ही रात को बच्ची का मेडिकल टेस्ट कराया गया। सुबह जब थाना घेराव हुआ तब पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल टेस्ट के लिए भेजा।

बलिया

दूसरा मामला बलिया का है जनपद के नरही थाना क्षेत्र के एक गांव में मानसिक रूप से बीमार नाबालिग लड़की के साथ उसके पड़ोस के अधेड़ व्यक्ति ने दुष्कर्म किया। मामला पहले का है लेकिन लड़की मानसिक रूप बीमार थी इस कारण उस वक्त बात का खुला नही हुआ। लेकिन जब किशोरी गर्भवती हो गई तब मामले की जानकारी परिजनों को हुई।

इस केस में परिजनों के पुलिस में मामला दर्ज करने से पहले ही, सोशल मीडिया और ट्विटर पर एक वीडियो अपलोड कर आरोप लगाया गया कि नरही थाना इंचार्ज ने प्रार्थी की शिकायत नहीं सुनी, और उन्हें थाने से भगा दिया। वहीं अब इस मामले में पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गया है।

वीडियो वायरल कर पुलिस पर शिकायत नहीं सुनने का आरोप..

लेकिन पीड़िता के पिता ने कहा कि वह मामला दर्ज करने थाना इंचार्ज तक पहुंच ही नहीं पाया था। एक दिन थाने के गेट तक आया, लेकिन गांव के ही एक व्यक्ति के कहने पर गेट से ही लौट गया था। इसके बाद परिजनों ने आरोपी पड़ोसी के खिलाफ थाने में तहरीर दी।

वीडियो वायरल करने वाले पर कार्यवाही..

इस मामले में सीओ जगबीर सिंह चौहान ने बताया कि पीड़िता के पिता की ओर से पड़ोसी के खिलाफ तहरीर दी गई थी। आठ माह पहले उसकी नाबालिग पुत्री के साथ रेप हुआ था। लड़की गर्भवती थी, उसको मृत बच्चा हुआ। मुकदमा दर्ज कर आरोपी गोपाल पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस मामले पर इंस्पेक्टर योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिजनों की सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल की गई जिससे उनकी पहचान उजागर हुई। ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अब इस मामले में पीड़िता के पिता ने वीडियो वायरल होने के बाद तहरीर क्यों दी? क्या पुलिस की बात सही है? क्या वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता के पिता को डरा कर बयान दिलाया गया? क्या जो पीड़िता के पिता ने कहा वही सही है? यह सारे सवाल महज़ सवाल ही रह जायेंगे। जौनपुर का मामला हो या बलिया का, पुलिस की लापरवाही कही न कही साफ नजर आ रही है। यही एक बड़ा कारण भी है जिससे आरोपियों को हिम्मत मिलती है। मामला में पहले लापरवाही बरती जाती है, फिर जब हंगामा होता है तब कार्यवाही की जाती है। ऐसे ही रहा तो वह दिन सिर्फ एक ख्वाब ही रह जायेगा जब प्रदेश से एक भी रेप के मामले की खबर नही लिखनी पड़ेगी। फिलहाल अभी तो यह सिर्फ एक स्वप्न ही है।

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