बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को एक प्रेस नोट में यूपी की बीजेपी पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार (भाजपा) बाढ़ की आड़ में बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों पर बाधा पहुंचाने की घिनौनी राजनीति कर रही हैं। जो अति शर्मनाक और निन्दनीय है। प्रबुद्ध वर्ग की लगातार सफलता से बीजेपी बौखला गई है। इस लिए कार्यक्रमो को फेल करने के लिए तरह तरह के हथकंडों प्रयोग कर रही हैं।
हवाई दौरे से बाढ़ पीड़ितों की समस्या हल होने वाली नहीं..
मायावती ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त लोगों को मदद पहुंचाने की बजाय खुद भाजपा के मंत्रियों ने प्रदेश में जन आशीवार्द यात्रा का आयोजन किया है। जबकि भाजपा उल्टा बसपा पर आरोप लगा रही है कि पार्टी बाढ़ पीड़ितों की मदद न करके प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रही है। जनता सब जानती है। भाजपा को ये मालूम होना चाहिए की बसपा के लोगों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार कोरोना काल में सरकारी उपेक्षा के शिकार लोगों की बड़़-चड़ कर मदद की है।
अभी भी बसपा द्वारा यह मदद जारी है। इसलिए आपको हमारी पार्टी को सलाह देने की जरूरत नही है। बसपा प्रमुख ने भाजपा को सलाह देते हुए कहा, जन आशीवार्द यात्रा निकलते से बेहतर था की आप बाढ़ पीड़ितों की मदद यात्रा निकलते, यह वक्त की जरूरत भी थी। केवल हवाई दौरा करने से बाढ़ पीड़ितों की समस्या हल होने वाली नहीं है। बल्कि उन्हे समय से सरकारी राहत सामग्री भी पहुंचानी चाहिए।
भाजपा को इसका नुकसान विधानसभा में होगा..
मायावती ने कहा कि बसपा समेत अन्य विपक्षी दलों पर आरोप लगाने की बजाय भाजपा सरकार को बाढ़ प्रभावितों की मदद के अपने दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। बसपा जब अपने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आदि करती है तो भाजपा को बाढ याद आ जाती है। यह सब इनका दोहरा चरित्र नही तो और क्या है?
राज्य सरकार की इन गतिविधियों से साफ होता है कि भाजपा, बसपा के सम्मेलनों से बौखलाई हुई है। कोरोना काल के दौरान भाजपा जन आशीवार्द यात्रा में कोरोना नियमों का कितना पालन कर पाएगी,यह देखने वाली बात है। प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में नियमों की आड़ में बाधा पहुंचाने का सरकारी प्रयास जारी है। इसकी हमे जानकारी है। यदि यह लोग इसी तरह घिनौनी राजनीति करते रहेंगे और दोहरा मापदंड अपनाएंगे तो इन्हे इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा।
भाजपा की जमीन खिसक रही है..
मायावती ने कहा, भाजपा अपनी खामियों को छुपाने के लिए बसपा समेत अन्य विपक्षी दलों को रोकने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। यह सब जानता देख रही है। इससे इनको राजनीतिक लाभ होने वाला नहीं है बल्कि और नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बसपा के सम्मेलनों से बौखलाई और घबराई हुई है।
भाजपा की बौखलाहट दशार्ती है। की उनकी जमीन खिसक रही है। इससे भाजपा बौखला कर और भी ज्यादा गलत हथकंडों का इस्मेताल आगे करेगी। भाजपाइयों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बसपा पार्टी को मजबूत करना होगा और जनाधार को भी बढ़ाना होगा। बसपा पार्टी को अपने मौजूदा कार्यक्रमों में कोरोना नियमों का पालन करते हुए कामयाब बना चाहिए।
मानसून सत्र में तीन कृषि कानूनों का मुद्दा उठाएगी बसपा..
बसपा सुप्रीमों ने कहा, विधानमंडल के मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहे है बसपा पार्टी जनहित के मुद्दों खासकर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाएगी। पार्टी शुरू से ही इसके खिलाफ है और बसपा की कोशिश करेगी की यह कानून यूपी में लागू न होने पाए। इसके अलावा सत्र के दौरान खराब कानून व्यवस्था, दलित उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न और बाढ़ पीड़ितों की उपेक्षा के मुद्दों को उठाया जाएगा।