‘मंगलम टीवी के घिनौने स्टिंग ने सभी महिला पत्रकारों को संदिग्‍ध बना दिया है’

मलयाली टीवी चैनल मंगलम टीवी से उसकी रिपोर्टर अल नीमा अशरफ़ ने यह कहते हुए इस्‍तीफा दे डाला है कि इस चैनल के अनैतिक कृत्‍य ने सभी महिला रिपोर्टरों को संदिग्‍ध बनाकर छोड़ दिया है। यह आश्‍चर्य की बात है कि जिस कांड में चैनल के सीईओ समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ है और पांच गिरफ्तार हो चुके हैं, उस पर समूचे चैनल में केवल एक पत्रकार को शर्म आई है और उसने पत्रकारीय नैतिकता के हवाले से अपनी नौकरी छोड़ दी। अगर यह नीमा के साहस का परिचय है, तो चैनल के बाकी पत्रकारों के लिए शर्म से डूब मरने लायक बात भी है।

केरल के पूर्व मंत्री ससींद्रन के खिलाफ मंगलम टीवी ने एक स्टिंग किया था। उनके पास एक महिला पत्रकार भेजी गई थी। उसके बहाने चैनल ने मंत्री को फंसाया और बातचीत को रिकॉर्ड कर के प्रसारित कर दिया। पहले चैनल ने दावा किया था कि एक असहाय गृहिणी मंत्री के पास गुहार लगाने पहुंची थी लेकिन बाद में उसने यह स्‍वीकार कर लिया कि वह महिला कोई और नहीं बल्कि चैनल की रिपोर्टर थी जिसने मंत्री को फंसाने के लिए स्‍वांग रचा था और माफी मांग ली।

दो हफ्ते पहले प्रसारित हुए इस ऑडियो टेप को लेकर केरल में पूरा हंगामा कटा है। मंत्री से तो इस्‍तीफा मांग ही लिया गया है, लेकिन चैनल के चेयरमैन और सीईओ समेत पत्रकारों पर मुकदमा किया गया है। अल नीमा अशरफ़ ने अपनी फेसबुक पोस्‍ट में स्‍टोरी को लेकर कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं। उनके पोस्‍ट का अविकल अनुवाद हम नीचे दे रहे हैं।

”मैं कल तक मंगलम में काम कर रही थी औश्र आज मैंने छोड़ दिया। अधिकारियों को अपना इस्‍तीफज्ञ सौंपने के बाद मैं यह पोस्‍ट लिख रही हूं। मैंने अपने शौक से इस पेशे को चुना था। इस प्रतिष्ठित मीडिया समूह के चैनल में मुझे नौकरी मिली तो मैं काफी खुश थी लेकिन एक महिला के बतौर और एक रिपोर्टर होने के नाते भी मेरे लिए स्थितियां असहनीय हो गईं। इसीलिए मैंने इस्‍तीफा दिया है। पहले न्‍यूज़ बुलेटिन ने ही सभी कर्मचारियों को अपमानजनक स्थिति में ला खड़ा किया। कुछ हद तक हम ऐसा मानकर चल रहे थे लेकिन इतना बुरा होगा, उसकी उम्‍मीद नहीं थी। मैंने पिछले मई में मंगलम में काम शुरू किया था। उस वक्‍त पांच रिपोर्टरों की एक इनवेस्टिगेशन टीम गठित की गई थी। मुझे भी उस टीम में रहने को कहा गया था लेकिन मैंने इनकार कर दिया था। ऐसा इसलिए मैंने किया क्‍योंकि उस टीम की प्रोफाइल ही ऐसी थी जैसी मैंने एक पत्रकार की भूमिका के लिहाज से परिकल्‍पना नहीं की थी। हमें बताया गया था कि एक बड़ी ब्र‍ेकिंग स्‍टोरी आने वाली है लेकिन वो कैसी होगी, यह नहीं बताया गया। जब स्‍टोरी ऑन एयर हो गई तब जाकर मुझे पता चला कि यह ससींद्रन के बारे में है। तब जाकर मुझे याद आया कि इनवेस्टिगेशन टीम बनाने के दौरान क्‍या क्‍या कहा गया था और जिस तरीके से ससींद्रन को एक्‍सपोज किया गया, मुझे तुरंत अहसास हुआ कि दाल में कुछ तो काला है।

मेरे कई सवाल थे।

1. शिकायतकर्ता महिला कौन थी?
2. परिवहन मंत्री के पास वह कौन सी शिकायत लेकर पहुंची थी?
3. संवाद में उसका हिस्‍सा क्‍यों संपादित कर के हटा दिया गया?

इस घटना के कारण सभी महिला पत्रकार संदेह के दायरे में आ चुकी हैं और उन्‍हें अपमानित किया जा रहा है। मैं अपनी नौकरी छोड़ रही हूं क्‍योंकि मैंने एक पत्रकार के बतौर यह सब नहीं सीखा था।”

गौरतलब है कि मंगलम टीवी नाम का चैनल 26 मार्च को पहली बार ऑन एयर हुआ है और अपने पहले ही बुलेटिन में उसने यह विवादास्‍पद स्‍टोरी दिखाई है जिसके कारण उसकी छीछालेदर हो रही है। स्‍टोरी के प्रसारित होते ही नैतिक आधार पर परिवहन मंत्री रहे ससींद्रन ने इस्‍तीफा दे दिया और मुख्‍यमंत्री ने न्‍यायिक जांच कराने की घोषणा कर दी। इस स्‍टोरी पर केरल के मीडिया में दो फाड़ हो गया है। एक हिस्‍सा ऐसा है जो मंगलम के स्टिंग को मोरल पुलिसिंग का नाम देकर उसकी आलोचना कर रहा है। दूसरा धड़ा यह मानता है कि ऐसी खबरें पहले भी हुई हैं जहां ‘सेक्‍स टेप’ आदि प्रसारित किए गए हैं।

दैनिक जागरण के असोसिएट एडिटर राजीव सचान ने अपने अख़बार में इस मसले पर मंगलवार को एक गंभीर टिप्‍पणी की है जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।

(सामग्री और तस्‍वीर न्‍यूजमिनट से साभार)

 

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