व्हाइट हाउस ने ट्विटर पर PMO और पीएम को, 18 दिन में किया अनफॉलो!

चार दिन की चांदनी का मुहावरा, व्हाइट हाउस के ट्विटर अकाउंट की वजह से पीएम मोदी, उनके कट्टर समर्थकों, भाजपा की आईटी सेल और दंडवत हो चली मीडिया के लिए सच हो गया है। व्हाइट हाउस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल ने, पीएम मोदी, पीएमओ, राष्ट्रपति भवन को फॉलो करने के 18 दिनों के अंदर ही अनफॉलो कर दिया है। हालांकि जिस तरह से ये फॉलो करने के समय ख़बर बना था, वैसे अनफॉलो करने के बाद, सुर्खियों में आता नहीं दिख रहा है।

 

18 दिन पहले ही किया था फॉलो

बीत 10 अप्रैल, 2020 को ही, अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास और अमेरिका के सबसे अहम दफ्तर द व्हाइट हाउस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल @whitehouse से @PMOIndia @narendramodi, @rashtrapatibhvn और वॉशिंगटन में इंडियन एम्बेसी @IndianEmbassyUS को फॉलो किया था। मीडिया ने इस ख़बर को सुर्ख़ी बनाया और ख़ूब चलाया, छापा, प्रसारित किया। कहा गया कि ये अपने आप में ऐतेहासिक घटना है क्योंकि व्हाइट हाउस का ट्विटर हैंडल, अमेरिकी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, उनकी पत्नी और व्हाइट हाउस के स्टाफ के अलावा किसी को ट्विटर पर फॉलो नहीं करता है। लेकिन उसने उनके अलावा केवल भारत के प्रधानमंत्री, उनके कार्यालय और भारत के राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को फॉलो किया है।

तो क्या 18 दिन में भारत की अहमियत कम हो गई?

हमेशा की तरह मीडिया से लेकर, सोशल मीडिया पर भाजपा की आईटी सेल ने शोर मचाया कि ये वैश्विक मानचित्र पर भारत की बढ़ती हैसियत औ राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच के बेहद दोस्ताना रिश्तों का सार्वजनिक इज़हार है। व्हाइट हाउस का हैंडल, किसी भी और वैश्विक नेता को फॉलो नहीं कर रहा था। लेकिन अब ये इज़हार अचानक से गायब हो गया है। व्हाइट हाउस के ट्विटर हैंडल की फॉलोज़ लिस्ट से भारतीय पीएम, पीएमओ, राष्ट्रपति भवन और इंडियन एम्बेसी के हैंडल नदारद हैं।

इस के पीछे का कारण अभी तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये संभव है कि भारत से इस तरह दोस्ती का इज़हार करना शायद कूटनीति के लिहाज से सही कदम नहीं होता, जबकि मिडिल ईस्ट में अमेरिका के दोस्त इस समय अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर चिंता जता रहे हैं। बाकी शायद ये संयोग ही होगा कि ठीक इसी वक़्त जब व्हाइट हाउस, भारत के पीएम और पीएमओ को ट्विटर पर अनफॉलो कर रहा था, अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) अपनी रिपोर्ट रिलीज़ कर रहा था – जिसमें भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के लिहाज से उन देशों की सूची में रखा गया था – जहां के हालात बेहद चिंताजनक हैं। इस लिस्ट में भारत, म्यांमर, नाइजीरिया और पाकिस्तान के साथ है।

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