बनारस में छात्रों के आंदोलन का दमन करने के बाद भी प्रशासन किस हद तक डरा हुआ है, उसका एक नज़ारा सोमवार सुबह देखने को मिला जब बाबतपुर हवाई अड्डे पर पहुंची सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को प्रशासन ने बिना कारण बताए हिरासत में ले लिया। उनसे बार-बार पूछा गया कि कहीं वे बीएचयू तो नहीं जा रही हैं और वे लगातार इस बात का खंडन करती रहीं, इसके बावजूद खबर लिखे जाने तक उन्हें पुलिस लाइन में बिना कारण के बैठाए रखा गया है।
तीस्ता का बनारस का टिकट डेढ़ महीने पहले से तय था। उन्हें समाजवादी जन परिषद के तीन दिवसीय शिविर के समापन अवसर पर 25 सितंबर को बनारस के राजघाट पहुंचना था। वे परिषद के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए ही आई थीं लेकिन प्रशासन ने बार-बार कहने पर भी यह बात नहीं मानी। मीडियाविजिल ने पुलिस लाइन में मौजूद एसडीएम वर्मा से फोन पर बात की और उनसे हिरासत की वजह पूछी, तो वे बोले, ”यह एहतियातन है… लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब है इसलिए इनकी सुरक्षा के लिए हमने हिरासत में लिया है।”
तीस्ता ने फोन पर बताया, ”सुह साढ़े नौ बजे से इन लोगों ने बैठा रखा है। पता नहीं किससे मेरी सुरक्षा कर रहे हैं। कारण भी नहीं बता रहे। कह रहे हैं कि ऊपर से ऑर्डर आया है।” वर्मा का कहना था कि ”थोड़ी देर में छोड़ देंगे, अभी कागजी कार्यवाही चल रही है।” जाहिर है तब छोड़ने का कोई अर्थ नहीं होगा क्योंकि समाजवादी जन परिषद के कार्यक्रम के समापन सत्र का वक्त निकल चुका होगा।
समाजवादी जन परिषद के महामंत्री अफलातून ने इस घटना की निंदा करते हुए मीडियाविजिल से कहा कि यह सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के तानाशाही शासन का सबूत है जहां बिना किसी वजह के एक आयोजन में हिस्सा लेने आए कार्यकर्ता को बंधक बनाकर रख लिया जाता है।
इस घटनाक्रम के समानांतर बनारस में बीएचयू के प्रकरण पर नागरिक समाज में असंतोष गहराता जा रहा है। उधर दिल्ली में यूपी भवन पर एक जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ और जंतर-मंतर पर तकरीबन सभी सामाजिक और महिला संगठनों ने छात्राओं के साथ हुई पुलिसिया बर्बरता की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।