जब भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने खुलासा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘अच्छे दिन’ लाने का वादा दरअसल चुनावी जुमला था, तो तमाम लोगों को हैरत हुई थी कि आखिर कोई सरकार ऐसी बेशर्मी कैसे बरत सकती है। इसके बाद ही लोगां के बीच जुमला सरकार का जुमला चल पड़ा और सरकार के हर वादे को जुमले की तरह देखा जाने लगा।
प्रधानमंत्री तो प्रधानमंत्री, अब उनकी कैबिनेट के मंत्री भी खुलेआम अपने जुमलों के लिए मशहूर हो रहे हैं। पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर बिजली मंत्री पीयूष गोयल के बयानों की तस्वीरें घूम रही हैं जिनके बहाने यह बताने की कोशिश की जा रही है कि देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का वादा महज जुमला था।
Shifting goalposts by Piyush Goyal. Who do you think you are fooling? Jumla time, once again!! pic.twitter.com/bDm7wfrH6w
— ParanjoyGuhaThakurta (@paranjoygt) February 8, 2018
दरअसल, गोयल ने सबसे पहले 2016 के अंत तक सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने की बात कही थी। इसके बाद उन्होंने अपनी टाइमलाइन बढ़ाकर 2017 के अंत तक ला दी। इंडियन एक्सप्रेस में छपा उनका बयान इसकी ताकीद करता है।
फिर एक और बयान छपा जिसमें गोयल मई 2018 तक सभी घरों तक बिजली पहुंचाने की बात कहत मिले। फिर एक और बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि 2019 के अंत तक 100 फीसदी विद्युतीकरण कर दिया जाएगा। अब वे कह रहे हैं कि 2022 से पहले तक सभी घरों तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता ने इन बयानों के स्क्रीनशॉट लगाकर ट्विटर पर टिप्पणी की है:
”पीयूष गोयल के बदलते गोलपोस्ट। आप किसे बेवकूफ बना रहे हैं? जुमले का समय फिर से आ गया है।”