चैनल खुद को सिंहासन पर बैठा पोप न समझें: चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा

सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा ने मीडिया को बहुत तेज लताड़ा है। बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह द्वारा वेबसाइट द वायर पर किए गए मानहानि के मुकदमे में 8 जनवरी को गुजरात की एक अदालत से आए फैसले के खिलाफ वेबसाइट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई कर रहा था। इस दौरान चीफ जस्टिस ने इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया और वेबसाइटों को निराधार खबरें प्रकाशित करने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि मीडिया को खुद को ”सिंहासन पर बैठा हुआ पोप नहीं समझना चाहिए”।

जस्टिस मिश्रा की खंडपीठ ने जिम्‍मेदार पत्रकारिता के महत्‍व पर ज़ोर देते हुए कहा कि वेबसाइटों और इलेक्‍ट्रानिक मीडिया को बेहद सतर्क और सावधान रहना होगा। जस्टिस मिश्रा ने कहा, ”यह मीडिया को डराने-धमकाने का मामला कतई नहीं है। मैंने खुद मीडिया को धमकाने के तमाम प्रयासों की निंदा की है लेकिन हम मीडिया से अपेक्षा रखते हैं, खासकर इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया से, कि वह ज्‍यादा जिम्‍मेदार बने। वे ऐसे ही कुछ भी नहीं छाप सकते कि उनके पास वेबसाइटें हैं।”

मिश्रा ने कहा कि यह पत्रकारिता की संस्‍कृति नहीं है कि आप कुछ भी लिख कर बच निकलें वो भी केवल इसलिए कि सामग्री एक वेबसाइट पर छपी है। उन्‍होंने कहा, ”क्‍या वे कुछ भी लिखने को स्‍वतंत्र हैं? वे कभी-कभार जो लिखते हैं वह महज अदालत की अवमानना होती है। ऐसा नहीं कि आप कुछ छाप दें जो आपके मन में या दिमाग में आए। कुछ तो आधार होना ही चाहिए।”

चैनलों का नाम लिए बगैर कोर्ट ने कहा कि उन चैनलों का आचार पत्रकारिता की संस्‍कृति के विरोध में है। ”हम चैनलों का नाम नहीं लेना चाहते लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि वे सिंहासन पर बैठे पोप हैं जो कोई उपदेश दे सकते हैं या फैसला सुना स‍कते हैं।”


द न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस से साभार  

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