स्‍वच्‍छ भारत अभियान के नाम पर पहली सरकारी हत्‍या, हत्‍यारों और मृतक दोनों पर मुकदमा दर्ज

स्‍वच्‍छ भारत के नाम पर देश में पहली हत्‍या का मामला राजस्‍थान से सामने आया है जहां 16 जून 2017 की सुबह भाकपा(माले) के कार्यकर्ता ज़फ़र हुसैन की पीट-पीट कर हत्‍या कर दी गई है। हुसैन प्रतापगढ़ जिले के वार्ड नम्‍बर 2, कच्‍ची बस्‍ती के पास शौच जाने वाली महिलाओं के फोटो और वीडियो बनाने से नगरपालिका कर्मियों को रोकने का प्रयास कर रहे थे. भाकपा(माले) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रतापगढ़ नगरपालिका कर्मियों ने नगरपालिका कमिश्‍नर अशोक जैन के उकसावे पर हुसैन की पीट-पीट कर हत्‍या कर दी। समाचार एजेंसी पीटीआइ से जारी ख़बर में भी इसकी पुष्टि की गई है जिसे आज तमाम अख़बारों की वेबसाइट पर प्रमुखता से जगह मिली है।

विज्ञप्ति कहती है, ”हत्‍याकांड ने एक बार फिर इस तथ्‍य को सामने ला दिया है कि कैसे स्‍वच्‍छ भारत अभियान को भी हत्‍याओं और महिलाओं के सम्‍मान व अधिकारों पर हमले के लिए बहाना बनाया जा रहा है।”

कुछ दिन पहले ही ज़फ़र हुसैन ने खुले में शौच जाने वाली महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित किए जाने और उनके साथ जबर्दस्‍ती किए जाने के खिलाफ नगरपालिका को एक ज्ञापन दिया था। उस ज्ञापन के माध्‍यम से उन्‍होंने स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराने और बंद पड़े शौचालयों की मरम्‍मत कराकर चालू कराने की मांग की थी। उन्‍होंने उक्‍त ज्ञापन जिलाधिकारी को भी देने की असफल कोशिश की, लेकिन जिलाधिकारी से उसे लेने से ही मना कर दिया था।

जफर हुसैन के परिवार ने हत्‍या के मामले में जो एफआइआर करवाई है, उसमें नगरपालिका आयुक्‍त अशोक जैन के अलावा पालिका के कर्मचारियों कमल हरिजन, रितेश हरिजन और मनीष हरिजन पर धारा 302 के तहत हत्‍या का आरोप लगाया गया है। एक और एफआइआर जैन की शिकायत के आधार पर मृतक हुसैन के खिलाफ़ प्रतापगढ़ थाने में धारा 332 और 353 के तहत की गई है जिसमें हुसैन पर सरकारी कर्मचारी को उसका काम करने से रोकने और इसके लिए हिंसक कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है।

भाकपा(माले) ने मांग की है कि ”कामरेड जफर की हत्‍या में नगरपालिका कमिश्‍नर और एफआइआर में दिए गए अन्‍य सभी नामजद अभियुक्‍तों को तत्‍काल गिरफ्तार किया जाय और उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द सजा दी जाय।” अपनी विज्ञप्ति में पार्टी ने कहा है, ”गरीब व असहाय लोग जिनके पास निजी अथवा सार्वजनिक शौचालयों की सुविधा तक उपलब्‍ध नहीं है, उन्‍हें अपमानित व प्रताडि़त करने से खुले में शौच जाने से रोकने का अभियान नहीं चल सकता। शौचालय अभियान की वर्तमान रणनीति केवल भ्रष्‍टाचार बढ़ाने, झूठे आंकड़े पेश करने, और गरीब-वंचित नागरिकों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का काम कर रही है। सरकारें ऐसे बर्बर तौर-तरीके अपनाना तत्‍काल बंद करें और शौचालयों का प्रयोग करने के लिए एक सकारात्‍मक अभियान शुरू करें, जिसमें नए शौचालयों का निर्माण, उनमें स्‍वच्‍छ व समुचित पानी व सफाई की गारंटी हो।”

ज़फ़र हुसैन ऑल इण्डिया कन्‍स्‍ट्रक्‍शन वर्कर्स फेडरेशन के राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य और भाकपा(माले) की प्रतापगढ़ जिला कमेटी के सदस्‍य थे।


वीडियो साभार इंडिया टुडे, फोटो साभार दि इंडियन एक्‍सप्रेस

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