घरेलू कामगार के शोषण को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं नोएडावासी, पुलिस का भी पक्षपाती रवैया

नॉएडा घरेलू कामगार के शोषण मामले में पुलिस के लापरवाह रवैये  का हुआ खुलासा!

घरेलू कामगार, जोहरा बीबी की एफ.आई.आर को नॉएडा पुलिस ने किया नज़रंदाज़!

महागुन निवासियों द्वारा घरेलू कामगारों को ‘बंगलादेशी’ कहकर डराने के खिलाफ जी.के.यू  ने अल्पसंख्यक आयोग और मानवाधिकार आयोग का निर्णय लिया!


घरेलू कामगार यूनियन (जी.के.यू) नॉएडा में घरेलू कामगार,जोहरा बीबी के साथ हुए गैर-कानूनी बंदिश और शोषण के मामले को असंवेदनशील तरीके से लेने और शोषण करने वाली दंपत्ति का पूरा साथ देने के लिए नॉएडा पुलिस की कड़ी भर्त्सना करता है| ज्ञात हो कि जोहरा बीबी जो नॉएडा सेक्टर-78 स्थित महागुन मॉडर्न में मितुल और हरशु सेठी के घर में काम करती थी| उसे दंपत्ति ने 15-18  दिन से पैसे नहीं दिए गये थे, जिसको देने के बहाने उसे  11  जुलाई को  हरशु सेठी ने अपने घर  बुलाया| ज्ञात हो कि पीड़िता पर चोरी का  इलज़ाम घटनोत्तर लगाया गया था,जब दंपत्ति द्वारा उसकी बेरहमी से पिटाई की बात सामने आई| (पूरे घटना की जानकारी के लिए, नीचे संलग्न घटनाक्रम-सूची और कल की प्रेस विज्ञप्ति देखें)

जब जी.के.यू की टीम तथ्य पता करने गयी, तो उसे ज्ञात हुआ  कि नॉएडा की महागुन मॉडर्न जैसी  हाउसिंग सोसाइटियों में अमीर निवासी घरेलू  कामगारों  को दहशत की स्थिति  में रखते हैं| यह ध्यान देने योग्य है कि इन रिहाइशी सोसाइटियों में घरेलू  कामगारों की पूरी तरह तहकीकात कर के ही उन्हें अन्दर जाने दिया जाता है| पुलिस द्वारा कामगारों का प्रमाण किये जाने को अच्छे से  लागू किया जाता है और सोइसटी में प्रवेश/निकास पर पूरी तरह निगरानी रखी जाती है|

इस सन्दर्भ में, घरेलु  कामगार पर चोरी का इलज़ाम लगाया जाना पूरी  तरह झूठा है| साथ ही, यह दुखद है कि सोसाइटी के निवासी और हरशु  सेठी इस घटना को पूरी तरह सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं| वो गरीब कामगारों को जो पश्चिम बंगाल से आये है, उन्हें ‘बांग्लादेशी’ आतंकवादी/’गैर-कानूनी बांग्लादेशी प्रवासी’ कहकर सांप्रदायिक घृणा फैला रहे हैं| निवासियों द्वारा फेसबुक पर कुछ बेहद सांप्रदायिक पोस्ट देखकर साफ़ ज्ञात होता है कि किस तरह पूर्णतः जन-बूझकर इस मामले को प्रभावित करने के लिए और दोषियों के पीड़िता को पीटने और बंधी बनाने के अपराध को छुपाने के लिए किया जा रहा है|

पुलिस द्वारा अपराधियों और सोसाइटी के साथ पूरी मिलीभगत से मामले की जांच किये जाने के कारण घरेलू कामगारों ने अल्पसंख्यक आयोग और मानवाधिकार आयोग के समक्ष मामले को ले जाने का निर्णय लिया है, ताकि पीड़िता जोहरा बीबी की एफ.आई.आर पर कारवाई हो सके|

घरेलू कामगार यूनियन (जी.के.यू) इस मामले में दखल देकर प्रशासन पर दबाव बना रहा है कि मामले को पूरे संजीदगी से लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इस मामले के दोषी दंपत्ति को क़ानून के सामने लाया जाए| साथ ही, पुलिसकर्मियों की अपराधी दंपत्ति के साथ गठजोड़ को भी छानबीन का एक मुख्य बिंदु बनाया जाए| हमारा मीडिया से भी निवेदन है कि इस मामले में पुलिस द्वारा की गयी एक-तरफ़ा कारवाई की ओर ध्यान दे जिससे यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि पीड़िता पर चोरी का इलज़ाम घटनोत्तर उस समय लगाया गया, जब पीड़िता की पिटाई की बात सामने आई|

डॉ. माया जॉन,
संयोजक,
घरेलू कामगार यूनियन (जी.के.यू)
संपर्क: 9350272637


प्रेस विज्ञप्ति

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