अख़बारनामा: सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरियों की सुरक्षा की नसीहत दी तो कुछ नहीं और मोदी का चुनावी भाषण हेडलाइन !

कल सुप्रीम कोर्ट की खबर पहले पन्ने पर नहीं थी और आज प्रधानमंत्री का चुनावी भाषण है (सात दिन बाद)। मैंने पूरी खबर बता दी

संजय कुमार सिंह

सीआरपीएफ के जवानों पर पुलवामा हमले के बाद देश में जो माहौल बना या बनाया गया उसमें देश भर में रहने वाले कश्मीरियों का जीना दूभर हो गया था। जगह-जगह उन्हें परेशान किए जाने की खबर आ रही थीं। हालत यह हो गई कि सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई और सुप्रीम कोर्ट ने देश के 11 राज्यों को कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। याचिका पर शीघ्र कार्रवाई की अपील की गई थी और तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार व राज्यों को निर्देश जारी किए। कल मैंने लिखा था कि कई अखबारों ने इस खबर को पहले पन्ने पर नहीं छापा।

दैनिक भास्कर में आज पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम की एक खबर के अनुसार, “प्रधानमनंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के टोंक में शनिवार को आयोजित रैली में एक बार फिर पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान पर हमला बोला। यह नौवां मौका है जब अलग-अलग मंचों से पीएम ने पुलवामा का जिक्र किया। बोले – मोदी सरकार पर और मां भवानी के आशीर्वाद पर भरोसा रखिए। इस बार सबका हिसाब होगा, पूरा हिसाब होगा। प्रधानमंत्री बोले – कश्मीर का बच्चा-बच्चा आतंकियों से परेशान है। कश्मीर में जैसे हिन्दुस्तान के जवान शहीद होते हैं वैसे ही कश्मीर के लाल भी इन आतंकवादियों की गोलियों से शहीद होते हैं। हमारी लड़ाई कश्मीरियों से नहीं कश्मीर से है।”

अखबार ने इस खबर को विस्तार से अंदर के पन्ने पर छापा है, आगे मैं भी इंटरनेट से पूरा विवरण दूंगा लेकिन उससे पहले यह देखिए कि कल सुप्रीम कोर्ट की खबर को पहले पन्ने पर नहीं छापने वाले अखबारों ने आज इस खबर को कितनी प्रमुखता दी है (या नहीं दी है) और कैसे छापा है। इस खबर के मामले में आज टेलीग्राफ और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट परस्पर विरोधी लगती है। टेलीग्राफ ने इस खबर के साथ एक और खबर छापी है, हाऊ डू यू ब्रेनवाश अ पीएचडी?। वैसे तो यह खबर भी कश्मीर के हालात और कश्मीरी युवक से संबंधित है पर मैं यहां उसकी चर्चा नहीं कर रहा।

टेलीग्राफ अखबार ने मेरी आज की खबर का शीर्षक लगाया है, “प्रोटेक्ट चिल्ड्रेन ऑफ कश्मीर : पीएम टू एवरी सिटिजन”। हिन्दी में यह इस प्रकार होता, प्रधानमंत्री ने प्रत्येक नागरिक से कहा, कश्मीर के बच्चों की रक्षा कीजिए। अखबार ने इस खबर को प्रधानमंत्री की फोटो के साथ छापा है। और अगल-बगल छपी दोनों खबरों के ऊपर एक पट्टी में लिखा है, अपील अ वीक आफ्टर अटैक्स। कहने की जरूरत नहीं है कि इसका संदर्भ ऊपर वाले शीर्षक से है और अखबार ने लिखा है कि कश्मीरी युवकों पर हमले के एक हफ्ते बाद नागरिकों से अपील की गई कि वे कश्मीरी बच्चों की रक्षा करें।

इंडियन एक्सप्रेस में यह खबर छह कॉलम में लीड है। दो लाइन का शीर्षक है, “जम्मू और कश्मीर के छात्रों पर हमले पर प्रधानमंत्री : हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीरियों के लिए नहीं।” दो लाइन के इस शीर्षक से ऊपर लाल रंग में प्रधानमंत्री के भाषण की तीन खास बातें दो-दो लाइन में बताई गई हैं। और चौथी बात इस खबर का इंट्रो है। पर इन चारों में यह नहीं बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने सात दिनों बाद यह बात कही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर इस खबर को प्रमुखता से छापा है। शीर्षक है, हमारी लड़ाई आतंकवाद से है, कश्मीर या कश्मीरियों से नहीं प्रधानमंत्री। खबर का इंट्रो है, गुजरे कुछ दिनों की घटनाएं नहीं होनी चाहिए थी। पूरी खबर अंदर के पन्नों पर होने की सूचना भी है।

हिन्दुस्तान टाइम्स में यह खबर पहले या पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर नहीं है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने कश्मीर में अलगाववादियों पर कार्रवाई की खबर को लीड बनाया है।

द हिन्दू में में यह खबर पहले पन्ने पर चार कॉलम में है। शीर्षक है, “मोदी डीक्राइज अटैक ऑन कश्मीरीज (मोदी ने कश्मीरियों पर हमले की निन्दा की)”। उपशीर्षक है, “हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीरियों के खिलाफ नहीं; हरेक भारतीय को उनकी रक्षा करनी चाहिए”। जयपुर डेटलाइन से मोहम्मद इकबाल की इस खबर की शुरुआत होती है, “पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश के कई हिस्सों में कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को हिन्सा की निन्दा की और कहा कि कश्मीर घाटी में लोगों पर हमला करना आतंकवादियों के हाथों का खिलौना बनना होगा। मोदी ने कहा, हमारी लड़ाई कश्मीर के लिए है, कश्मीरियों के खिलाफ नहीं।”

इस मामले में इंटरनेट पर उपलब्ध दैनिक भास्कर के नेशनल डेस्क की खबर इस प्रकार है। पीएम मोदी ने सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक में रैली की और देश के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि “मोदी है तो मुमकिन है”। मोदी ने अपनी स्पीच में पुलवामा अटैक के बाद कश्मीरी स्टूडेंट्स पर हुए हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस देश में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने पुलवामा के बाद अपने लिए एक्शन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमनें सेना को खुली छूट दे दी है। इन दिनों सोशल मीडिया पर वीर रस की बाढ़ आई है। हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। मानवता के दुश्मनों के खिलाफ है। हमारी लड़ाई कश्मीरियों के खिलाफ नहीं है।

प्रधानमंत्री ने कब क्या कहा, दैनिक भास्कर के सौजन्य से पेश है। मैंने मामूली संपादन किया है। जैसे पहले की बात को पहले और बाद वाले को बाद में कर दिया है। समय के साथ PM की जगह मैंने दोपहर बाद XX:XX बजे कर दिया है।

23-02-2019, दोपहर बाद 02:38 बजे
राजस्थान की जनता को शत-शत नमन- मोदी
राजस्थान की जनता को शत-शत नमन। टोंक में सभा को संबोधित कर रहा हूं।

23-02-2019, दोपहर बाद 02:40 बजे
मानवता के दुश्मनों का दाना-पानी बंद होना चाहिए- मोदी
मोदी ने कहा, मैं राजस्थान के लोगों से जानता चाहता हूं, मानवता के दुश्मनों को सबक सिखाना चाहिए कि नहीं। मैं इसी काम में जुटा हूं। दुनिया में तब तक शांति संभव नहीं है जब तक आतंकी फैक्ट्री बंद नहीं होगी।

23-02-2019, दोपहर बाद, 02:41 बजे
ये देश की सुरक्षा का सवाल है- मोदी
मोदी ने कहा, आतंकी के गुनहगारों को सजा देने के लिए हर मोर्चे पर मजबूती के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। यह संकल्प सिर्फ मोदी का नहीं है बल्कि एक सौ तीस करोड़ हिंदुस्तानियों का है। क्योंकि ये राजनीति से ऊपर देश की सुरक्षा का सवाल है।

23-02-2019, दोपहर बाद, 02:43 बजे
हमारी वजह से आतंकियों में हड़कंप मचा हुआ है- मोदी
मोदी, साथियों, ये बदला हुआ हिंदुस्तान है। आतंकवाद का दर्द सहकर हम चुपचाप नहीं बैठेंगे। हम आतंकवाद को कुचलना भी जानते हैं। हमारी वजह से आतंकियों में हड़कंप मचा हुआ है।

23-02-2019, दोपहर बाद 02:44 बजे
सोशल मीडिया पर वीर रस की बाढ़ आई है- मोदी
हमने सेना को खुली छूट दे दी है। इन दिनों सोशल मीडिया पर वीर रस की बाढ़ आई है। हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है। मानवता के दुश्मनों के खिलाफ है। हमारी लड़ाई कश्मीरियों के खिलाफ नहीं है। कश्मीर के लोगों के लिए है।

23-02-2019, दोपहर बाद 02:47 बजे
देश विरोधी नारे लगाने वालों पर मोदी ने कहा-
जब कुछ लोग भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग वालों को सपोर्ट करते हैं, ऐसे लोगों का साथ मेरे देश का कोई नागरिक नहीं देगा।

23-02-2019, दोपहर बाद 02:48 बजे
मोदी ने घाटी में पंचायत चुनाव का जिक्र किया
मोदी ने कहा कि दो साल पहले कश्मीर के पुरान पंच-सरपंच, सौ से ज्यादा प्रधानमंत्री निवास स्थान पर मुझसे मिलने आए। मैंने उनसे कहा कि हमारे यहां पंचायत के चुनाव कराओ। अभी चुनाव हो गए। वहां 75 प्रतिशत मतदान हुआ।

23-02-2019, दोपहर बाद 02:50 बजे
मोदी ने घाटी के पंच-सरपंचों का किस्सा सुनाया
“कश्मीर के पंच-सरपंचों से मैंने कहा कि आप घाटी में आतंकवादी स्कूल जला रहे हैं। इसे बंद कराईए। सभी ने मुझसे कहा कि मोदी जी, हम जान की बाजी लगा देंगे, लेकिन स्कूल जलाने नहीं देंगे।”

23-02-2019, दोपहर बाद 02:51 बजे
कांग्रेस पर साधा निशाना
“आतंकवाद को जड़ से उखाड़ना है तो हम गलती न करें, आतंकवादी, आतंकवादी हैं। कश्मीरी आतंकवाद से मुसीबत झेल रहा है। पुरानी सरकारों की वजह से ऐसा है।”

23-02-2019, दोपहर बाद 03:02 बजे
आओ गरीबी और अशिक्षा के लिए लड़ें- मोदी
“देखता हूं इमरान अपनी बात पर खरे उतरते हैं या नहीं। मैंने इमरान खान से कहा था कि हिंदुस्तान, पाकिस्तान बहुत लड़ लिए। कुछ हासिल नहीं हुआ। प्रधानमंत्री बनें तो मैंने उनसे कहा था आप खेल की दुनिया से आए हो, आओ गरीबी और अशिक्षा से लड़ें। उन्होंने कहा था कि मैं पठान का बच्चा हूं। अब देखते हैं कि वे कितने खरे उतरते हैं।”

23-02-2019, दोपहर बाद 03:03 बजे
मोदी है तो मुमकिन है – मोदी
आज जवानों के नाम पर आंसू बहाने वाले लोगों को ये शब्द शोभा नहीं देता। ये हमारी सरकार है, जिसने वन रैंक वन पेंशन लागू किया। मोदी है तो मुमकिन है।

23-02-2019, दोपहर बाद 03:11 बजे 
मोदी ने लगवाए भारत माता के नारे
“मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, भारत माता की….. जय”

23-02-2019, दोपहर बाद 03:11 बजे
दुश्मन में करारे जवाब का खौफ पैदा हुआ- मोदी
“देश आज आत्मविश्वास से भरा है। ये इसलिए संभव है क्योंकि किसानों को सीधी सहायता मिली, आरक्षण मिला, दुश्मन में करारे जवाब का खौफ पैदा है। ऐसे अनेक कारण हैं, जिसकी वजह से देश को लगता है कि मोदी है तो मुमकिन है।”

23-02-2019, दोपहर बाद 03:14 बजे
मोदी ने कश्मीरी बच्चों का किया जिक्र
मोदी ने कहा कि “पिछले दिनों कहां क्या हुआ, घटना छोटी थी कि बड़ी। कश्मीरी बच्चों के साथ हिंदुस्तान के किसी कोने में क्या हुए, क्या नहीं हुआ। मुद्दा ये नहीं है। इस देश में ऐसा होना नहीं चाहिए।”

प्रधानमंत्री का भाषण है और कश्मीर में कार्रवाई का मामला भी। दोनों में से एक या दोनों को हिन्दी अखबारों में पहले पन्ने पर होना ही है। मैं आज उसपर टिप्पणी नहीं कर रहा। हालांकि नवोदय टाइम्स, दैनिक जागरण और अमर उजाला ने इस खबर को लीड बनाया है। राजस्थान पत्रिका में पहले पन्ने पर है। हिन्दुस्तान में दूसरे शीर्षक से पहले पन्ने पर टॉप पर है। अपने अखबार को आप जानते हैं। और जानते हैं तो क्या बताना। नहीं जानते हैं तो जानिए। मेरा यह प्रयास इसीलिए है। याद रखिए कि कल सुप्रीम कोर्ट की खबर पहले पन्ने पर नहीं थी और आज प्रधानमंत्री का चुनावी भाषण है (सात दिन बाद)। मैंने पूरी खबर बता दी। देखिए और जानिए कि आपके अखबार ने क्या कैसे छापा है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश पहले पन्ने पर नहीं छापने वाले अखबारों ने चुनावी भाषण के अंश को सात दिन बाद शीर्षक बनाया


(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। जनसत्ता में रहते हुए लंबे समय तक सबकी ख़बर लेते रहे और सबको ख़बर देते रहे। )

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