कर्नाटक की मशहूर पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या के ख़िलाफ़ 6 सितंबर को देश भर में पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया और हत्यारों को तुरंत गिरफ़तार करने की माँग की। पत्रकारों ने इस बात पर भी गहरा क्षोभ व्यक्त किया कि गौरी लंकेश की हत्या के बाद सोशल मीडिया में हिंदुत्ववादियों ने जश्न मनाया। कुछ लोगों ने तो गौरी लंकेश को गालियाँ भी दीं।
पत्रकारों को सबसे ज़्यादा गुस्सा इस बात पर था कि ऐसे कुछ ट्विटर अकाउंट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ़ालो करते हैं। पत्रकारों ने उनसे माँग की कि वे ऐसे अकाउंट को तुरंत अनफ़ालो करें। यह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के ख़िलाफ़ है।
गौरी लंकेश की हत्या के विरोध में देश के तमाम शहरों में पत्रकारों के प्रदर्शन हुए। लखनऊ, भोपाल, दिल्ली, बैंगलुरु, सभी जगह किसी ना किसी रूप में रोष जताया गया। दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के प्रांगण में पत्रकारों की भारी भीड़ जुटी। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने ज़ोर देकर कहा कि यह चुप रहने का वक़्त नहीं है। यह ऐसा वक़्त है कि बोलने वालों को किसी ना किसी तरह ख़ामोश कर दिया जा रहा है। इस हत्या को दाभोलकर, पनसारे और कलबुर्गी की हत्याओं की कड़ी के रूप में देखते हुए वक्ताओ ने कहा कि यह लोकतंत्र और भारत की विचार-विमर्श की महान परंपरा पर संगठित हमला है। अफ़सोस की बात है कि हमलावरो को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।
पत्रकारों ने इस मौके पर गौरी लंकेश की याद करते हुए उन्हें बेहद बहादुर महिला बताया। एक ऐसी पत्रकार जो अपने विचारों के लिए जोख़िम उठाने से पीछे नहीं रहती थी। जो हर तरह के अन्याय के ख़िलाफ़ बेहिचक आवाज़ उठाती थी। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी की आज़ादी की रक्षा करना ही गौरी लंकेश को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सभा को पत्रकार प्रंजय गुहा ठाकुरता, प्रेस क्लब अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी, एस.निहाल सिंह, एच.के.दुआ, बरखा दत्त, रवीश कुमार, जयशंकर गुप्ता सहित कई पत्रकारों ने संबोधित किया। इसके अलावा सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी.राजा, सीपीआई (एम.एल) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव के अलावा जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने भी संबोधित किया।
सभा के अंत में एक प्रस्ताव पारित करके कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से हत्यारों की तुरंत गिरफ़्तारी की माँग की गई। पेश हैं कुछ तस्वीरें–