पूर्व सैनिक की पत्नी ने मोदी को भेजी 56 इंच की चोली !

जो युद्धोन्माद फैलाते हैं, वे भी इसकी चपेट में आने से बच नहीं पाते…

पाकिस्तान की सीमा पर भारतीय सैनिकों की लगातर जारी शहादत और उनके शवों की बेइज़़्ज़ती से नाराज़ एक पूर्व सैनिक की पत्नी ने प्रधानमंत्री मोदी को ख़त के साथ महिलाओं का अंतर्वस्त्र भेजा है। सैनिकों, शहीदों और युद्धोन्माद से जुड़ी ख़बरों में डूबे मीडिया में यह ख़बर शायद ही कहीं मिले। यह ख़बर बताती है कि बतौर विपक्ष कूटनीति पर जुमलेबाज़ी करना सत्ता में आने पर जी का जंजाल बन सकता है। जनता के बीच ‘एक के बदले दस सिर’ जैसे बयान देकर ताली बजवाना कितना भारी पड़ सकता है।  

यह ख़बर आज पंजाब केसरी में छपी है। फतेहाबाद से भेजी गई रमेश भट्ट की रिपोर्ट कहती है  –

भारतीय सैनिकों पर लगातार बढ़ रहे हमलों, सैनिकों की नृशंस हत्याओं के मुद्दे पर अब सैनिक परिवारों का गुस्सा सीधे प्रधानमंत्री पर निकलता दिखाई दे रहा है। यहां फतेहाबाद के गांव बीसला के पूर्व सैनिक धर्मबीर काजला की पत्नी सुमन काजला ने जिला सैनिक बोर्ड की मार्फत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके 56 इंच सीने के लिए 56 इंच का लेड़ीज अंतर्वस्‍त्र भेजा है। लेडीज अंतर्वस्‍त्र के साथ सुमन काजला ने एक पत्र भी प्रधानमंत्री के नाम लिखा है जिसमें पूर्व सैनिक की पत्नी ने मांग की है कि या तो सैनिकों को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की छूट दे दी जाए या फिर प्रधानमंत्री लेडीज अंतर्वस्‍त्र पहनकर बैठ जाए और अपने पद से इस्तीफा दे दें। 

प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इस तरह बेहद गुस्से की वजह बताते हुए सुमन काजला ने कहा है कि प्रधानमंत्री बनने से पहले चुनाव से पूर्व जब आतंकवादी सैनिक हेमराज का सर काटकर ले गए थे उस समय नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकारों को ‘लव लेटर’ (पत्र-व्यवहार) नहीं भेजना चाहिए बल्कि सैनिक के सिर काटने वालों से बदला सिर काटकर ही लेना चाहिए

सुमन काजला ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में पूछा है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ‘दुश्मनों’ ये लड़ने की हर ताकत है तो प्रधानमंत्री सख्त एक्शन क्यों नहीं ले रहे, क्यों हर रोज सैनिकों की कुर्बानियां देने वाले हालात बनाए जा रहे हैं? सेना को क्यों कार्रवाई की खुली छूट नहीं दी जा रही है?

सुमन काजला के साथ जिला सैनिक बोर्ड पहुंचे उनके पति धर्मबीर काजला ने भी सरकार और प्रधानमंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि इस तरह सैनिकों की नृशंस हत्या होती रही और प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं किया तो देश नौजवनों और उनके परिवारों के हौसले कमजोर होंगे जो सेना में जाकर अपने देश की सेवा करने का सपना संजोए हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश का सैनिक उसका गौरव होता है और आज प्रधानमंत्री को जरूरत कि वे देश के गौरव की रक्षा के लिए उचित फैसले लें न कि कायर बनकर तमाशबीन बनें। 

बता दें कि पूर्व सैनिक धर्मबीर काजला ने 15 वर्ष तक सेना में नौकरी की। जाट रेजीमेंट में तैनात रहे धर्मबीर काजला ने 15 में से करीब साढ़े 11 वर्ष तक कश्मीर में काउंटर इमरजेंसी में तैनात रहे और बहुत से ऑप्रेशन में भाग लेते हुए सफलतापूर्वक आतंकियों का सामना किया। इसी के चलते धर्मबीर काजला 2 बार राष्ट्रपति से सेना मेडल ग्लैंटरी अवॉर्ड से सम्मानित हुए। धर्मबीर काजला कहते हैं कि देश के सैनिक थप्पड़ खा रहे हैं, गर्दन कटवा रहे हैं इसका मतलब ये नहीं है कि सैनिक कमजोर है, सेना को मुकाबला करने का प्रधानमंत्री मौका दे तो दुश्मन की हिम्मत नहीं है कि वह भारत की जमीन पर पैर रख सके। 

प्रधानमंत्री पद की गरिमा को देखते हुए सुमन काजला का यूँ अंतर्वस्त्र भेजना अशोभनीय लग सकता है, लेकिन उसे इस स्थिति में पहुँचाने की ज़िम्मेदारी क्या उनकी नहीं है जिन्होंने दावा किया था कि मोदी जी की 56 इंची छाती हर मर्ज़ का इलाज है। मीडिया रात-दिन यही नगाड़ा तो बजाता रहा है। उसने कभी यह बताने की कोशिश नहीं कि कूटनीति में बोलने से ज़्यादा चुप रहने का महत्व है। या कि दो परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्द की बात करना महज़ पागलपन है। जो लोग युद्धोन्माद फैलाते हैं वे पागल ही हैं। उलटा वह युद्धोन्माद का कारोबार ही करता रहा है जिसका लोगों पर बेपनाह असर हुआ है।

ऐसे में सुमन काजला जैसे लोग अगर अपने पीएम को टीवी ग्राफिक्स में नहीं, धरातल पर दिग्विजयी या पाकिस्तान को नेस्तोनाबूद करते देखना चाहें तो अचरज कैसा। वह यह भी भूल गईं कि चोली भेजकर वह इसी ‘पारंपरिक विश्वास’ पर मुहर लगा रही हैं कि महिलाएँ पुरुष की तुलना में कमज़ोर होती हैं। उन्हें तो बस महाबली मोदी को याद दिलाना है कि महज़ टीवी  के पर्दे पर दहाड़ने से कुछ ना होगा। कुछ करके भी दिखाओ। 

बर्बरीक

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