सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ हत्याकांड की सुनवाई सीबीआइ की विशेष अदालत में चल रही है। इस बीच बंबई उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जज रह चुके न्यायमूर्ति अभय एम. थिप्से ने एक सनसनीखेज बयान दिया है कि इस मामले में कुछ रसूखदार आरोपियों को चुनिंदा तरीके से बरी किया गया है।
ध्यान रहे कि सोहराबुद्दीन की हत्या के मामले में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुख्य आरोपी थे, जिनके बरी होने की प्रक्रिया में एक जज का तबादला किया गया, दो जजों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई और एक वकील मारा गया जबकि एक अन्य वकील पर जानलेवा हमला हुआ। इनमें एक जज बीएच लोया थे जिनकी संदिग्ध मौत से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
जज थिप्से ने इस मामले में जजों के अनियमित तबादले पर सवाल उठाया है और कोर्ट के आदेशों को अटपटा करार दिया है। द इंडियन एक्स्रपेस को दिए एक साक्षात्कार में थिप्से ने कहा है कि इस मामले की खामियों से संकेत मिलता है कि ”न्याय देने की प्रक्रिया और खुद न्याय नाकाम हुआ है”। उन्होंने इस मामले को दोबारा देखने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का आह्वान किया है।
जज थिप्से जब बंबई उच्च न्यायालय में थे तो उन्होंने खुद सोहराबुद्दीन मामले में चार ज़मानत याचिकाओं की सुनवाई की थी।
इंडियन एक्सप्रेस में जज थिप्से का पूरा साक्षात्कार यहां पढ़ा जा सकता है।
Failure of justice system in Sohrabuddin encounter case, Bombay High Court should relook: Ex-judge Abhay M Thipsay