पाटण ज़िले के दूधका गांव के दलितों को पैसा जमा करने के बाद भी लगभग तीन साल से ज़मीन आवंटित नहीं की गई है. जिसके विरोध में 61 वर्षीय दलित कार्यकर्ता भानू वणकर 61 ने गुरूवार की दोपहर पाटण जिलाधिकारी कार्यालय के बहार खुद को आग लगा थी.शुक्रवार की रात एक निजी अस्पताल में भानू वणकर की मौत हो गई.
जिग्नेश मेवाणी ने वणकर की मौत पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा की गई हत्या है. मेवाणी ने इसकी स्वतंत्र जांच के साथ जिलाधिकारी एसपी पर मुकद्दमा चलाये जाने की मांग की.