DB Post के संपादक ने इरफ़ान खान के मुंह में अपनी बात डाल दी… !

भोपाल से दैनिक भास्‍कर ने कुछ दिनों पहले अंग्रेज़ी का एक अख़बार शुरू किया है जिसका नाम है डीबी पोस्‍ट। उसके संपादक हैं दैपायन हालदर। हालदर इससे पहले मेल टुडे, मिलेनियम पोस्‍ट और मिड-डे जैसे बड़े अखबारों में जिम्‍मेदार पदों पर रह चुके हैं और उन्‍हें मानवाधिकारों व पत्रकारिता के लिए सम्‍मानित भी किया जा चुका है। वे एक जिम्‍मेदार पत्रकार हैं और लगातार अलग-अलग विषयों पर लिखते रहे हैं।

बीती 1 जुलाई को हालांकि ट्विटर पर एक ट्वीट करते हुए वे फिसल गए और उन्‍होंने बात कहने की जल्‍दबाज़ी में बड़ी तथ्‍यात्‍मक भूल कर दी। बॉलीवुड के कलाकार इरफ़ान खान ने रमज़ान में रोज़ा रखने पर एक बयान दिया था। हालदर ने उस बयान पर एक ट्वीट किया जो बुनियादी रूप से गलत था। दिलचस्‍प यह है कि उस ट्वीट की ओर ट्विटर पर किसी का ध्‍यान नहीं गया, लेकिन मीडियाविजिल के एक सुधी पाठक नेे इस ओर ध्‍यान दिलाया है।

हालदर का ट्वीट था:

 

 

क्‍या इरफ़ान खान ने रोज़े पर ”बैन” लगाने की बात कही थी? कतई नहीं। इरफ़ान खान का कहना था कि ”रमज़ान में रोज़ा रखने के बजाय लोगों को आत्‍मनिरीक्षण करना चाहिए।” क्‍या आत्‍मनिरीक्षण या अपने भीतर झांक कर देखने की बात ”बैन” का पर्याय है? कतई नहीं।

जब इरफ़ान ने रमज़ान पर प्रतिबंध की बात कही ही नहीं, तो एक बड़े समूह के अंग्रेज़ी अख़बार के संपादक को इसका इलहाम कैसे हो गया, कि उन्‍होंने इसके बहाने पूरे लिबरल तबके को ही निशाने पर ले लिया? अंग्रेेज़ी पत्रकारिता में इधर बीच उदार बौद्धिक तबके को गरियाने का चलन बढ़ा है जिसके प्रवर्तक और कोई नहीं, रोज़ रात को अपने छोटे परदे पर आग की लपटें उठाने वाले अर्णब गोस्‍वामी हैंं।

अधिकतर पत्रकारों के दिमाग में पहले से एक धारणा बनी हुई है कि इस देश का उदार सेकुलर बौद्धिक ”सेलेक्टिव” है। कई मामलों में यह बात सच भी है, लेकिन किसी भी मसले के बहाने उन्‍हें गरियाना और उन पर सवाल उठाना बौद्धिक बेईमानी है। यह बेईमानी लापरवाही और पेशागत अनैतिकता में तब्‍दील हो जाती है जब कोई संपादक अपने ‘मन की बात’ दूसरे के मुंह में डाल देता है।

दैपायन हालदर को तथ्‍यात्‍मक रूप से गलत ट्वीट पर माफी मांंगनी चाहिए और उसे हटा देना चाहिए। ठीकठाक पदों पर बैठे जिम्‍मेदार लोगों के द्वारा फैलाया गया झूठ कहीं ज्‍यादा नुकसानदायक होता है, यह बात और संपादकों को भी समझ में आनी चाहिए।

 

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