जागरण ने वाराणसी हादसे के लिए सूर्य, मंगल और शनि को ज़िम्मेदार ठहराया!

 

वाराणसी में निर्माणाधीन पुल के एक गर्डर के गिरने से अब तक 18 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। ज़ाहिर है, यह भीषण लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। लोगों में भारी ग़ुस्सा है। लेकिन हिंदी का नंबर एक अख़बार दैनिक जागरण इसके लिए सूर्य, मंगल और शनि को दोषी ठहरा रहा है।

जी हाँ, यह आश्चर्यजनक किंतु सत्य है कि हिंदी का नंबर एक अख़बार ऐसी बातों का प्रचार-प्रसार करते हुए ही नंबर एक बना हुआ है। जागरण का एक बच्चा अख़बार है आईनेक्स्ट। इसके आज के वाराणसी संस्करण में यही छपा है। यानी न सुरक्षा मानको का उल्लंघन करके हो रहा निर्माण ग़लत था और न ही पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन कराने की जल्दबाज़ी में की जा रही लापरवाही। दोषी हैं सूर्य, मंगल और शनि। पढ़िए–

 

यह कैसे संभव है कि ऊपर पुल का गर्डर रखा जा रहा हो और नीचे लोग आ जा रहे हों। इस तरह का काम करते हुए ट्रैफिक रोक दिया जाना चाहिए था। लेकिन जागरण की नज़र में कोई दोषी नहीं हैं, क्योंकि यह होता कैसे,अगर सूर्य, मंगल और शनि की स्थिति दुर्घटना कराना तय करा चुकी थी।

भाग्यवाद हमेशा से समाज की प्रगति के रास्ते में रोड़ा रहा है। भारतीय संविधान में वैज्ञानिक चेतनायुक्त समाज के निर्माण का संकल्प है। अंधविश्वास फैलाना क़ानून अपराध है। पत्रकारिता का दायित्व था कि वह लोगों के बीच घर कर चुकी ऐसी धारणाओं को नष्ट करती जो उसके विवेक को जकड़े हुए हैं।

लेकिन अफ़सोस की बात है कि सबकुछ उलटा हो रह है। नंबरी लोग हिंदी जगत के ख़िलाफ़ युद्ध छोड़ चुके हैं। इस बात का कोई मतलब नहीं है कि जागरण ने ज्योतिषियों की बात ही लिखी है। ऐसे मामलों में ज्योतिषियों की बात को प्रसारित करना उसकी बदनीयती का ही उदाहरण है।

 



 

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