अख़बारनामा: राफ़ेल बेच रहे ‘सत्यवादी’ सीईओ को सबने छापा, सीएजी के ख़िलाफ़ चिट्ठी लापता!

संजय कुमार सिंह


सोशल मीडिया पर कल जब डसॉ के सीईओ के दावे पढ़ा तो पता चल गया था कि आज के हिन्दी अखबारों में लीड क्या होगी। कुछेक अखबारों के शीर्षक भी बताए जा सकते थे। और वही हुआ। आज के अखबारों में डसॉ के सीईओ छाए हुए है जिनके दावों में एक दावा यह भी है कि वे झूठ नहीं बोलते। कांग्रेस ने इसे ‘फिक्स्ड मैच’ कहा है और यह भी कि आरोपी और लाभार्थी जज नहीं हो सकता है। डसॉ के सीईओ की यह प्रतिक्रिया असल में राहुल गांधी के आरोपों का जवाब है जो समाचार एजेंसी एएनआई को एक इंटरव्यू के रूप में सामने आया है।

यह इंटरव्यू सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा राफेल मामले में शपथपत्र दायर किए जाने के एक दिन बाद आया है। राहुल ने इस मामले में साफ कहा है, “पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त”। इस मामले में ट्वीट किया है, सुप्रीम कोर्ट में मोदी जी ने चोरी स्वीकार कर ली है। और यह भी कि उन्होंने वायु सेना से संपर्क किए बगैर करार को बदल दिया है और इस तरह 30,000 करोड़ रुपए अंबानी की जेब में डाल दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे ‘जनसंपर्क स्टंट’ कहा है और यह भी कि इससे रफाल करार की भ्रष्ट्राचार की परतें नहीं ढंक सकती है

अंग्रेजी अखबारों में हिन्दुस्तान टाइम्स ने इसे पहले पेज पर सिंगल कॉलम में छापा है। शीर्षक है, “रफाल मामले में राहुल के आरोपों पर डसॉ के सीईओ ने कहा, मैं झूठ नहीं बोलता”। इंडियन एक्सप्रेस ने इसे टॉप पर दो कॉलम में छापा है। शीर्षक होगा, डसॉ के सीईओ ने राहुल का मुकाबला किया : मैं झूठ नहीं बोलता …. नया रफाल 9% सस्ता। टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे अपने पहले पन्ने से पहले वाले अधपन्ने पर रखा है। इसके साथ कांग्रेस का नजरिया भी है जबकि इंडियन एक्सप्रेस में रफाल के सीईओ की बातों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया पहले पेज पर तो नहीं है। द टेलीग्राफ ने इसे, “डसॉ मैच फिक्स” शीर्षक से छापा है।

अमर उजाला में यह खबर पहले पेज पर नहीं है। राजस्थान पत्रिका ने इस खबर को पहले पेज पर सिंगल कॉलम में छापा है। “मैं झूठा नहीं” फ्लैग शीर्षक वाली इस खबर का शीर्षक है, “दस्सू सीईओ ने कहा, रिलायंस को खुद ही चुना”। य़ह खबर पेज दो पर जारी है। अखबार ने इस खबर को, “निगरानी संस्था पर सवाल : 60 पूर्व नौकरशाहों ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी” फ्लैग शीर्षक से एक अलग खबर के साथ छापा है जो दूसरे अखबारों में पहले पेज पर तो नहीं है। मुख्य शीर्षक है, “रफाल नोटबंदी पर सरकार को शर्मिन्दगी से बचाने में जुटा कैग”। सीएजी से संबंधित यह खबर कल ही टेलीग्राफ में थी पर हिन्दी अखबारों को इसकी सूचना अभी नहीं है।

नवभारत टाइम्स में यह खबर पहले पेज पर है। फ्लैग शीर्षक है, “सीईओ ने दी सफाई, कांग्रेस ने दागे आरोपों के गोले”। इसके नीचे फोटो के साथ दो शीर्षक डेढ़-डेढ़ कॉम में। एक तरफ, राफेल डील सच्ची है, मैं झूठ नहीं बोलता – सीईओ, दसॉ। दूसरी ओर शीर्षक है, कोर्ट में पीएम ने चोरी मान ली है। …. पिक्चर अभी बाकी है। इसके साथ एक और सिंगल कॉलम की खबर है जिसका शीर्षक है, दसॉ सरकार में मैच फिक्स है : कांग्रेस।

दैनिक हिन्दुस्तान में यह खबर लीड है। फ्लैग शीर्षक है, “दसॉल्ट कंपनी के सीईओ ने कहा, करार बिल्कुल साफ सुथरा।” मुख्य शीर्षक है, “दावा : राफेल विमान सौदा 9 फीसदी सस्ता।” इस खबर में इंटरव्यू की बहुत सारी बातें हैं। छह लाइनों के दो बयान आमने सामने दो कॉलम में वार पलटवार शीर्षक से छापे गए है। और राहुल गांधी का आरोप वार में है तो पलटवार में वित्त मंत्री अरुण जेटली का आरोप कि कांग्रेस भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। खबर के अंदर भाजपा – कांग्रेस में जुबानी जंग भी है।

नवोदय टाइम्स ने इस खबर को लीड बनाया है। शीर्षक है, “झूठ बोल रहे राहुल : दसॉल्ट”। दो कॉलम में मुख्य शीर्षक है, कंपनी के सीईओ ने किया खुलासा। यहां भी सीईओ की तमाम बातों के साथ राहुल गांधी और अरुण जेटली को फोटो के साथ आमने-सामने रखा गया है। पर सीएजी को नौकरशाहों की चिट्ठी वाली खबर यहां इन खबरों के साथ नहीं है। तीन कॉलम में एरिक ने ए टू जेड बताई डील प्रक्रिया के तहत डेढ़ कॉलम में दो खबरें हैं। शीर्षक है, पैसा रिलायंस में नहीं, ज्वायंट वेंचर में लगाया और ऑफसैट में किसका कितना हिस्सा।

दैनिक भास्कर में भी यह खबर लीड है। मुख्य शीर्षक है, “डैसो के सीईओ का दावा – राहुल के आरोप निराधार, नई डील में 36 रफाल 9% सस्ते”। इसके साथ कई छोटी-बड़ी खबरों में सीईओ की तमाम बातें तो हैं पर अरुण जेटली और राहुल गांधी को आमने-सामने नहीं रखा गया है और राहुल का यह दावा सिंगल कॉलम खबर में है, “राफेल की पिक्चर अभी बाकी : राहुल”। विमान की कीमत और तकनीकी विवरण के बिना एक खबर में यह भी बताया गया है कि फ्लाई अवे विमान खरीदने के मुकाबले सस्ते पड़ेंगे 36 तैयार विमान।

दैनिक जागरण इस खबर को पांच कॉलम में लीड बनाया है। फ्लैग शीर्षक है, “कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में दासौ के सीईओ ट्रैपियर की दो टूक – मैं झूठ नहीं बोलता”। मुख्य शीर्षक है, “भारत को नौ फीसद सस्ता मिला है राफेल”। इसमें ट्रैपियर की तमाम बातों के साथ राहुल गांधी और अरुण जेटली को आमने-सामने रखने की औपचारिकता से संतुलित दिखने की कोशिश भी है। हालांकि अखबार ने सिर्फ एरिक ट्रैपियर की फाइल फोटो छापी है। राहुल या अरुण जेटली की नहीं। अखबार में एक खास सूचना राहुल ने जब मुंह की खाई तो है ही यह भी बताया गया है कि बेहद शक्तिशाली है राफेल।

 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।

 



 

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