संजय कुमार सिंह
इस सूचना के मद्देनजर यह संयोग है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में रहेंगे और वहां उन्हें 2413 करोड़ रुपए मूल्य की कई परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास की घोषणा करनी है। इस संबंध में आज के अखबारों में पूरे पन्ने के विज्ञापन हैं टीवी पर खबरें चलेंगी ही। हालांकि कार्यक्रम दो बजे से है और मतदान तीन बजे तक। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बनारस में रहेंगे। ऐसे में कल छत्तीसगढ़ में विस्फोट, इतिहासकार इरफान हबीब द्वारा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम फारसी मूल का होने के कारण बदलने की सलाह और कांग्रेस का एक आरोप महत्वपूर्ण खबरों में है।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कल एक मीडिया कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि 59 मिनट में कर्ज दिलाने की बहुप्रचारित योजना लूट है और करीबी पूंजीपतियों की कमाई कराने का तरीका। सरकार अथवा प्रधानमंत्री कार्यालय या फिर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इसपर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। द टेलीग्राफ ने लिखा है कि टिप्पणी के लिए वह संबंधित कंपनी कैपिटा वर्ल्ड के किसी अधिकारी से संपर्क नहीं कर पाया। कंपनी का गठन 30 मार्च 2015 को हुआ था और वित्त वर्ष 2017 के रिकार्ड के मुताबिक इस कंपनी की आय तब तक बिना किसी काम के मात्र 15 हजार रुपये थी।’’
वल्लभ ने आरोप लगाया कि इस कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोदी के 2014 के चुनाव अभियान का हिस्सा रहा है जिसे अब इस रूप में लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 में कंपनी का मूल्यांकन 19.21 करोड़ रुपये बताया गया है जिसके आधार पर सिडबी, बैंक आफ बड़ौदा और स्टेट बैंक ने 22 करोड़ रुपये इसमें निवेश किये। यह राशि कंपनी में 54 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है और इस निवेश के बाद कंपनी का मूल्यांकन 41 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सिडबी ने दावा किया है कि कैपिटल वर्ल्ड एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। सिडबी ने ट्वीट कर कहा है, ‘‘सिडबी के नेतृत्व में सार्वजनिक क्षेत्र के छह बैंकों के समूह की फिनटेक कंपनी कैपिटल वर्ल्ड में 56 प्रतिशत हिस्सेदारी है जिससे कंपनी का स्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का हो गया है।’’
कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री सार्वजनिक संस्थानों की कीमत पर करीबी पूंजीपतियों को बढ़ावा दे रहे हैं और अपने ‘‘दोस्तों’’ को लाभ पहुंचा रहे हैं। पार्टी ने ‘59 मिनट में कर्ज योजना’ की जांच कराने की मांग की है। बल्लभ ने आरोप लगाया कि कंपनी उसके पोर्टल पर पंजीकृत होने वाली छोटी इकाइयों से 1,000 रुपये शुल्क ले रही है और इसके ऊपर 180 रुपये जीएसटी वसूल रही है। इस तरह अब तक यह लाखों छोटे उद्यमियों को ठग चुकी है। गौरव वल्लभ ने कहा कि योजना को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिलने की बात की जा रही है। इस हिसाब से अभी तक अगर 10 लाख एमएसएमई ने आवेदन किया है तो पोर्टल कंपनी इस लिहाज से 100 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या किसी सरकारी योजना के जरिये किसी निजी पार्टी को इस तरह लाभ पहुंचाया जाना चाहिये?’’
अंग्रेजी अखबारों में – टाइम्स ऑफ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स और इंडियन एक्सप्रेस तीनों में छत्तीसगढ़ में विस्फोट वाली खबर लीड है। कांग्रेस और अमित शाह का नाम बदलने वाली खबर इनमें भी किसी में पहले पेज पर नहीं है। टेलीग्राफ ने अमित शाह का नाम बदलने की सलाह देने वाली खबर को पहले पेज पर छापा है। टेलीग्राफ की लीड भी इसी पर है। शीर्षक का हिन्दी अनुवाद होगा, “नाम बदलने के खेल में आग्रहों की बाढ़ आई”। टेलीग्राफ ने कांग्रेस के आरोप की खबर अंदर के पन्ने पर दी है।
आइए देखें हिन्दी अखबारों में इन खबरों में कौन पहले पेज पर हैं। नवभारत टाइम्स में “छत्तीसगढ़ में वोट से 24 घंटे पहले लाल आतंक” खबर लीड है। उपशार्षक है, “कांकेर में छह ब्लास्ट, बीएसएफ के एएसआई की जान ली, 15 दिनों में तीसरा अटैक”। अमित शाह का नाम बदलने और 59 मिनट कर्ज से संबंधित खबर नवभारत टाइम्स में पहले पेज पर नहीं है। दैनिक हिन्दुस्तान में कांकेर हमले की खबर पहले पेज पर सिंगल कॉलम में है। अन्य दो खबरें नहीं है।
नवोदय टाइम्स की लीड है, छत्तीसगढ़ में मतदान से पहले नक्सल टेरर। अखबार में अमित शाह या कांग्रेस के आरोप की खबर पहले पेज पर नहीं है। दैनिक जागरण में पहले पेज पर ये तीनों खबरें नहीं हैं। अखबार ने, “वर्मा और अस्थाना के खिलाफ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज” फ्लैग शीर्षक से एक खबर लीड बनाई है। इसका शीर्षक दिलचस्प है, “सीबीआई अफसरों की गहन जांच की जरूरत बता सकता है सीवीसी।” राजस्थान पत्रिका ने चुनाव के लिए टिकट बंटवारे की खबर को लीड बनाया है। बाकी तीनों खबरें इसमें भी पहले पेज पर नहीं हैं।
अमर उजाला ने, ” वोटिंग से पहले छह धमाके, एसआई शहीद” शीर्षक खबर को लीड बनाया है। सीबीआई निदेशक मामले में सुप्रीम सुनवाई आज को अखबार ने पहले पेज पर सिंगल कॉलम में छापा है। कांग्रेस का आरोप और अमित शाह का नाम बदलने की सलाह वाली खबरें यहां भी पहले पेज पर नहीं है। दैनिक भास्कर आज नो निगेटिव अखबार है इसलिए मैंने देखा ही नहीं।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।