पिछले साल 22 मई की कल्लूरी की कुख्यात प्रेस कांफ्रेंस के बाद लादे गए प्रभात पर चारों मुकदमे

दैनिक ‘पत्रिका’ के निर्भीक पत्रकार प्रभात सिंह के ऊपर लादे गए चारों मुकदमे 22 मई, 2015 की दंतेवाड़ा में हुई उस कुख्यात प्रेस कांफ्रेंस के बाद की तारीख के हैं जिसमें पुलिस आइजी एसआरपी कल्लूरी ने उन्हें खबर छापने के एवज में सबके सामने ”देख लेने” की धमकी दी थी। यह जानकारी वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्‍ला ने अपनी फेसबुक दीवार पर दी है।

इस धमकी के पीछे 29 अप्रैल को ‘पत्रिका’ में छपी यह खबर थी:

 

इस खबर के प्रकाशन के बाद प्रभात सिंह को विभिन्न माध्यमों से कल्लूरी की धमकी मिलने लगी। इन धमकियों पर दंतेवाड़ा के कई पत्रकारों ने आपत्ति भी जताई थी। प्रभात के ऊपर सारे प्रकरण इसके बाद की तारीख में बनाए गए, जैसा कि उनके ऊपर लगाए चार मुकदमों से साफ होता है।

पहला मुकदमा 24/15 आइपीसी की धारा 420 के तहत छात्रा कुमारी सामेला कश्यप द्वारा दंतेवाड़ा के थाना बारसुर में दर्ज कराया गया जिसमें प्रार्थी ने आधार कार्ड बनाने के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है। दूसरा मुकदमा 77/15 गीदम थाना में नायब तहसीलदार, गीदम शिवनाथ बघेल के नाम से आइपीसी की धारा 420, 120बी और 34 के तहत प्रभात समेत पांच व्यक्तियों पर दर्ज किया गया था जिसमें अन्य चार की गिरफ्तारी 9 दिसंबर, 2015 तक हो चुकी थी। इसमें भी आधार कार्ड बनाने के लिए वसूली का आरोप था।

तीसरा केस 79/15 गीदम थाना में ही प्रभारी प्राचार्य, हायर सेकंडरी स्कूल, गीदम रंजीत टीकम द्वारा आइपीसी की धाराओं 448, 385, 353, 186, 34 व छत्तीसगढ़ सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की धारा 6 के तहत दर्ज करवाया गया। इसमें भी प्रभात के अलावा एक और आरोपी नामजद था तथा इन पर स्कूल में बिना अनुमति के छात्राओं की फोटो खींचने व परीक्षक से बदतमीजी व पैसे की मांग का आरोप था।

प्रभात सिंह पर लगाया गया चौथा व आखिरी केस 79/16 थाना कोतवाली, जिला जगदलपुर का है जिसमें इंडियन न्यूज़ के कथित पत्रकार संतोष तिवारी ने आइटी कानून की धारा 67, 67(क) और आइपीसी की धारा 292 के तहत प्रकरण दर्ज करवाया था। प्रभात की 22 मार्च को ताज़ा गिरफ्तारी इसी प्रकरण में दिखाई गई है।

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