उत्तर प्रदेश और राजस्थान – भाजपा और कांग्रेस के बीच का बस विवाद ख़त्म होता नहीं, बल्कि हर रोज़ बढ़ता ही जा रहा है। कांग्रेस द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए राजस्थान से लाई गई, 1000 से अधिक बसों को सीमा पर ही खड़ा रख कर – वापस लौटा देने के बाद इस मामले का अंत नहीं हुआ था। दो दिन से लगातार दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रही थी। इस बीच गुरुवार को यूपी सरकार ने राजस्थान सरकार द्वारा भेजा गया, कोटा से छात्रों को लाने वाली बसों का बिल सार्वजनिक कर दिया। तो अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने यूपी सरकार की एक चिट्ठी सार्वजनिक कर दी है, जिसमें यूपी सरकार ने राजस्थान सरकार के बसों के खर्च का ब्यौरा – भुगतान करने के लिए मांगा था।
पहले यूपी सरकार ने बिल सार्वजनिक किया
गुरुवार को यूपी सरकार ने राजस्थान सरकार का एक पत्र सार्वजनिक किया, जो दरअसल कोटा से छात्रों को यूपी छोड़ने के लिए गई बसों का बिल था। इसमें 36 लाख, 36 हज़ार, 664 रुपए का बिना देर किए भुगतान कराने का अनुरोध किया गया था। इस चिट्ठी पर गुरुवार से भाजपा के नेताओं ने हंगामा मचाया हुआ था। राजस्थान सरकार पर अमानवीय बर्ताव करने का आरोप लग रहा था।
कोटा में UP के 10000 students फँसे हुए थे।योगी सरकार ने 560 बसें भेजीं उन्हें लाने के लिए।मालूम पड़ा 12000 बच्चे है।UP सरकार ने राजस्थान सरकार से फ़तेहपुर/झाँसी सीमा तक 70 बसों की सहायता ली।
प्रियंका वाड्रा जी की राजस्थान सरकार ने आज 36 लाख का बिल भेजा है
वाह मदद#दोगली_कांग्रेस pic.twitter.com/vVd5FEORax— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 21, 2020
.. @sambitswaraj जी आज आप झूठ बोल रहे है यह जिन पैसों की आप बात कर रहे है यह राज्यपथ परिवहन उत्तरप्रदेश की बसें जब राजस्थान आइ तब उत्तरप्रदेश के परिवहन अधिकारियों ने राजस्थान परिवहन के अधिकारियों से निवेदन किया फिर हमने उत्तर प्रदेश की बसों में डीज़ल डलवाया #पात्रा_झूँठ_की_दुकान pic.twitter.com/4dxlxbc0oC
— Pratap Khachariyawas (@PSKhachariyawas) May 21, 2020
राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार का ख़त दिखाया है
और अब इस विवाद में अगली चाल चली है, राजस्थान कांग्रेस ने। राजस्थान सरकार की ओर से एक और पत्र सार्वजनिक किया गया है। इस पत्र को यूपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक की ओर से राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम के एमडी नवीन जैन को लिखा गया था।
इस पत्र को 27 अप्रैल, 2020 को लिखा गया था और इसमें राजस्थान सरकार से कोटा से छात्रों को लाने वाली बसों के किराए के भुगतान के लिए बिल मांगा गया था। इस यानी कि राजस्थान सरकार का कहना है कि उसने पहले बिल नहीं भेजा, उसको चिट्ठी भेज कर उत्तर प्रदेश सरकार ने किराए के भुगतान के लिए बिल की मांग की थी।
ऐसे में अब बीजेपी इस पत्र का क्या जवाब देगी नहीं पता, लेकिन ये साफ है कि इस मुश्किल वक़्त में भी दोनों ही पक्षों की ओर से, जम कर राजनीति चालू है।