बीबीसी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन है। यूँ तो वह पूरी तरह तटस्थ होने का दावा करता है, लेकिन जब बात ब्रिटिश हितों की आती है तो क़लम हमेशा ही कुछ काँप जाती है। इस परंपरा का कुछ ज़्यादा ही ख़्याल करते नज़र आए बीबीसी हिंदी के लोग जब पैराडाइज़ पेपर के खुलासे में ब्रिटेन की महारानी का नाम भी आया। बीबीसी हिंदी ने वेबसाइट के मुखपृष्ठ से इसे काफ़ी जल्दी विदा कर दिया।
चूँकि बीबीसी हमेशा से पत्रकारिता के मानकों की बात करता है, इसलिए उसे दूसरों से ज़्यादा कसौटी पर भी कसा जाता है। बीबीसी हिंदी की महारानी को लेकर की गई जल्दबाज़ी पर पत्रकार रंगनाथ सिंह ने लिखा–
BBC URDU ने एक बार साबित कर दिया है कि उसमें BBC Hindi से ज्यादा सलाहियत है। आप बीबीसी हिन्दी के होमपेज पर चले जाइए और ऊपर से नीचे तक स्क्रॉल करके देखिए आपको महारानी की तस्वीर वाली खबर अब नहीं दिखेगी, जबकि सुबह वो थी। वहीं उर्दू पर ये अभी भी टॉप पर ही है। हिन्दी में महारानी की खबर देखने के लिए अब आपको विदेश सेक्शन के अंदर जाना होगा। BBC News Gujarati BBC News Punjabi BBC News Marathiके भी होम पेज पर ये खबर अब भी टॉप पर ही है। बस हिन्दी के लिए ये बासी हो चुकी है, इतनी कि पूरे वेबसाइट के होमपेज लायक नहीं रह गयी। हिन्दी पर पैराडाइज पेपर्स की दूसरी खबर टॉप पर है लेकिन इस खबर को होमपेज पर कहीं तो जगह देनी चाहिए थी।
बहरहाल, बीबीसी ने ख़बर में महारानी के बारे में ये लिखा है–
महारानी किस तरह शामिल हैं?
द पैराडाइज़ पेपर्स से पता चलता है कि ब्रितानी महारानी के निजी धन में से क़रीब एक करोड़ पाउंड विदेश में निवेश किए गए.
इन पैसों को डची ऑफ़ लेंकास्टर ने कैयमन आइलैंड्स और बरमुडा के फंड में निवेश किया था. ये महारानी को आय देते हैं और उनके क़रीब 50 करोड़ पाउंड की निजी जागीर के निवेशों को संभालते हैं.
इन निवेशों में कुछ भी ग़ैरक़ानूनी नहीं है और इसके कोई संकेत नहीं है कि महारानी कर नहीं चुका रही हैं, लेकिन ये सवाल पूछा जा सकता है कि महारानी को विदेश में निवेश करना चाहिए या नहीं.
ग़रीबों का शोषण करने के आरोप झेलने वाले रीटेलर समूह ब्राइटहाउस में भी छोटे निवेश किए. ऑफ़-लाइसेंस फर्म थ्रेशर्स में भी निवेश किया गया.
इस कंपनी ने बाद में 1.75 करोड़ पाउंड की देनदारी के साथ अपना काम बंद कर दिया था, जिससे 6 हज़ार लोगों की नौकरी चली गई थी.
की निजी जागीर में से रिटेलर कंपनी ब्राउटहाउस में भी मामूली निवेश किया गया.
डची का कहना है कि वह फंड के निवेश के बारे में लिए गए फ़ैसलों में शामिल नहीं थी. इस बात के भी कोई संकेत नहीं है कि अपने लिए किए गए इन निवेशों के बारे में महारानी को जानकारी थी.
अतीत में डची की ओर से कहा गया था कि, “इस बात का पूरा ख़्याल रखा जाता है कि उसके किसी कार्य या चूक से महारानी की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक असर तो नहीं हो रहा है.” डची का ये भी कहना था कि महारानी अपनी जागीर में ख़ासी रुचि रखती