चौबीस घंटे में बदल गया अमेरिका ! ट्रम्प का झूठ पकड़ा तो बम पहुँच गया !

मंगलवार को पूरे दिन सीएनएन पर एक पट्टी बार बार दिखती है कि ट्रम्प चुनावों में झूठ और भय फैला रहे हैं। इस पट्टी में अगर मगर नहीं है, बस साफ़ साफ़ घोषणा है कि ट्रम्प ने झूठ बोला है। सीएनएन के रिपोर्टर ने तो पूछ ही लिया कि राष्ट्रपति जी आप माइग्रेंट को लेकर जो आरोप लगा रहे हैं, उसके सबूत है? क्या भारत में कोई प्रधानमंत्री मोदी से पूछ सकता है? क्या कोई साफ़ साफ़ इस तरह की पट्टी चला सकता है कि मोदी ने झूठ बोला है? भारत का मीडिया मोदी के झूठ को जल्दी भूल जाता है ताकि ख़्वाब में भी पूछने का डर न रहे।

सीएनएन की हर चर्चा में यह सवाल आता है कि ट्रम्प कैसे बग़ैर सबूत के कह सकते हैं। बुधवार सुबह उसी सीएनएन पर पर पट्टी चलती है कि ट्रम्प ने मान लिया है कि उनके पास सबूत नहीं हैं। भारत के प्रधानमंत्री तो कभी मान ही नहीं सकते। ख़ैर इस पट्टी के कुछ ही घंटे बाद ब्रेकिंग न्यूज़ की पट्टी चलती है कि सीएनएन के न्यूयार्क स्थित दफ्तर में कूरियर वाला बम दे गया है। ऐसा ही बम ओबामा, हिलेरी समेत अन्य छह लोगों के यहाँ पहुँचता है। ये सब ट्रम्प के विरोधी खेमे के हैं।

न्यू यार्क के मेयर सीएनएन से कह रहे हैं कि हमें पता है कि इस वक़्त कई मीडिया संस्थान टार्गेट पर हैं इसलिए हमने आतंक विरोधी दस्ते को कुछ संस्थानों के दफ्तर के बाहर तैनात कर रखा है। जो आपको दिखेगा नहीं मगर है। उन्होंने कहा कि जो बम है वो ख़तरनाक क़िस्म का है। मेयर ने कहा कि राजनीति का वक़्त नहीं मगर नफ़रत के ख़िलाफ़ संदेश देने की ज़िम्मेदारी सत्ता शिखर की है। अमरीका प्रेस की स्वतंत्रता में यक़ीन रखता है। इसके बग़ैर कोई लोकतंत्र नहीं रह सकता। ट्रंप के समर्थक सोशल मीडिया से कह रहे हैं कि एक भी बम फटा नहीं इसलिए ये अफ़वाह है। जबकि ट्रम्प ख़ुद निंदा कर चुके हैं। कह चुके हैं कि अमरीका में राजनीतिक हिंसा की जगह नहीं। समर्थक रोबोट की तरह हो गए हैं। भारत और अमरीका दोनों जगह। उन्हें तथ्य से फ़र्क़ नहीं पड़ता है। उनके पास अपने तथ्य होते हैं। आप सभी तस्वीरों को ध्यान से देखिए और इससे जुड़ी ख़बरों को पढ़ने का प्रयास कीजिए।

रवीश कुमार की फ़ेसबुक दीवार से।

 



 

 

First Published on:
Exit mobile version