अखबारों के डेस्क पर काम करने वाले लोगों का वश चले तो वे कहीं की ईंट से कहीं का रोड़ा जोड़ कर किसी को भी बदनाम कर दें। ताज़ा मामला अमर उजाला अख़बार का है जिसने दिल्ली के बहुचर्चित बीएमडब्लू कांड में दोषी उत्सव भसीन पर शनिवार को आए फैसले की ख़बर में भारी ब्लंडर कर दिया है और भसीन की जगह एक युवा फिल्म निर्माता की तस्वीर लगा दी है।
वो तो शनिवार को ‘अनारकली ऑफ आरा’ नाम की चर्चित बॉलीवुड फिल्म के निर्माता संदीप कपूर ने अमर उजाला में भसीन की जगह अपनी हंसती हुई तस्वीर देखकर फेसबुक पर पोस्ट लगा दी तो लोगों को समझ में आ गया वरना अच्छे-खासे लोग कपूर को बहुरूपिया मान बैठते।
कपूर ने फेसबुक पर अमर उजाला की उक्त ख़बर को लगाते हुए टिप्पणी की: ”जब पत्रकारों का शोध गूगल से शुरू होकर गूगल पर ही खत्म हो जाए और वे गूगल को ब्रह्मसत्य मानते हों, तब ऐसी गलतियां होती हैं। ऐसे पत्रकार पूरे समुदाय को बदनाम कर देते हैं।”
दरअसल, अमर उजाला के डेस्क पर बैठे कर्मचारी से ग़लती यों हुई कि उसने गूगल इमेज पर अंग्रेज़ी में उत्सव भसीन लिखकर सर्च मारा। परिणाम में चौथी तस्वीर को उसने उठा लिया जो नवभारत टाइम्स की फोटो गैलरी में लगी हुई थी। यह तस्वीर संदीप कपूर की थी और फोटो गैलरी उत्सव भसीन और निकिता बाली की शादी की थी जिसमें संयोग से संदीप कपूर भी गए थे।
दिलचस्प यह है कि सर्च करने पर पहली और दूसरी तस्वीर भी उसी शादी की फोटो गैलरी की है, लेकिन फोटो चुनने वाले को चौथी फोटो ठीक लगी क्योंकि वह सिंगल थी जबकि बाकी तस्वीरें सामूहिक थीं। उसने फोटोगैलरी पर जाकर नीचे कैप्शन पढ़ने की भी ज़हमत नहीं उठायी और आनन-फानन में संदीप कपूर को बीएमडब्लू कांड का दोषी बना डाला।