यह ट्वीट एबीपी नयूज़ के ऐंकर अनुराग मुस्कान का है। 5 दिसंबर को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के लगभग पौन घंटे पहले उन्होंने लिखा कि ऊपरवाले को किसी मुख्यमंत्री की ज़रूरत है तो तमिलनाडु जाने की क्या ज़रूरत है…आशय यह कि आसपास ही है वह जिसे भगवान के पास जाना चाहिए। कौन है..? क्या अरविंद केजरीवाल ? अनुराग ने नाम तो नहीं लिखा, लेकिन केजरीवाल के ख़िलाफ़ उनकी लगातार टिप्पणियों को देखते हुए कम से कम आम आदमी पार्टी समर्थकोें को कोई शक नहीं रहा कि निशाने पर कौन हैं। उन्होंने अनुराग की लानत मलामत की जिसके बाद यह ट्वीट हटा लिया गया। लेकिन मसला गंभीर था तो इसका स्क्रीन शॉट मौजूद था और ख़ुद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐसे ही एक जवाब को रीट्वीट किया।
आम आदमी पार्टी की नाराज़गी स्वाभाविक है। अनुराग पहले भी एक ट्वीट में केजरीवाल और मौत का रिश्ता जोड़ चुके हैं ।
नोटबंदी के ख़िलाफ़ केजरीवाल के अभियान को अनुराग किस तरह निशाना बनाते रहे, वह भी सामने है। यही नहीं वह सोशल मीडिया में एक विकट मोदीभक्ति की हैसियत पा चुके हैं..
अनुराग के पुराने ट्वीट भी उनकी दिमाग़ी हालत बताने के लिए काफ़ी हैं। उन्हें प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दुष्चरित्र होने पर कोई शक़ नहीं है और मोदी विरोधी नेताओं के लिए उनके पास एक से बढ़कर एक तीर हैं-
सवाल यह नहीं है कि मोदी का समर्थन या केजरीवाल का विरोध करना गुनाह है। लेकिन एक बड़े चैनल के ऐंकर से इतनी तो उम्मीद की ही जानी चाहिए कि वह विरोध नीतियों का करेगा और उसके तर्क भी देगा। विपक्ष के तर्क भी समझने की कोशिश करेगा। भाषा की मर्यादा का हमेशा ख़्याल रखेगा और कम से कम किसी की मृत्यु की कामना से ख़ुद को नहीं जोड़ेगा। वैसे, अनुराग मुस्कान ख़ुद को ऐंकर के साथ ऐक्टर भी बताते हैं…ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि वे किस की लिखी स्क्रिप्ट पढ़ रहे हैं..संपादकों की या फिर राजनेताओं की..!