अनिश्चितकालीन अनशन के नवें दिन मेधा पाटकर की हालत बिगड़ी !

नर्मदा घाटी के लाखों विस्थापितों के पुनर्वास की माँग को लेकर 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठीं मेधा पाटकर का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है। उनके साथ उपवास कर रहे अन्य 11 सत्याग्रहियों की सेहत भी काफ़ी गिर गई है। डाक्टरों की टीम ने उनके मुआयने के बाद स्थिति को गंभीर पाया और अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। लेकिन सत्याग्रहियों ने इससे साफ़ इंकार करते हुए कहा है कि जब तक माँगें नहीं मानी जाएँगी, उपवास ख़त्म नहीं होगा।

ग़ौरतलब है कि मध्यप्रदेश के बड़वानी में नर्मदा तट पर यह उपवास ठीक उसी जगह (राजघाट) हो रहा है जहाँ गाँधी जी की समाधि थी। लेकिन 27 जुलाई यानी उपवास की शुरुवात वाले दिन भोर में इस समाधि को डूबक्षेत्र के बहाने उखाड़ दिया गया। महात्मा गाँधी की समृति के साथ हुए इस सुलूक से लोगों में काफ़ी नाराज़गी है। इस सिलसिले में मीडिया विजिल में प्रकाशित ख़बर यहाँ पढ़ें।

 

अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे, नर्मदा बचाओ आंदोलन के सभी 12 सत्याग्रहियों के नाम इस प्रकार हैं-

1 – मेधा पाटकर – नर्मदा बचाओ आन्दोलन – 62 वर्ष
2 – गायत्री बहन-कडमाल – 51
3 – विमला बहन –खापरखेड़ा – 50 वर्ष
4 – भगवती बाई, निसरपुर – 58 वर्ष
5 – मंजुला बहन, निसरपुर – 50 वर्ष
6 – पुष्पा बहन, निसरपुर – 40 वर्ष
7 – रुक्मणी बहन, निसरपुर- 48 वर्ष
8 – भगवती बहन, छोटा बड़दा – 52 वर्ष
9 – सेवंती बहन, छोटा बड़दा – 50 वर्ष
10 – धर्मेन्द्र भाई, खापरखेड़ा – 41 वर्ष
11 – रामेश्वर भाई, अवल्दा – 40 वर्ष
12 – बाऊ भाई, अवल्दा – 43 वर्ष

 

 

नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा जारी आधिकारिक बुलेटिन-

 

र्मदा सत्याग्रह बुलेटिन 1.0 : 4 अगस्त 2017, 9:00 am

कल रात मेधा पाटकर सहित 11 अन्य अनशन पर बैठे नर्मदा घाटी के लोगों को सरकारी डॉक्टर की एक टीम जिसमे 2 वरिष्ठ डॉक्टर, लैब टेकनिशन और कमपाउंडर आये तथा अनशन पर बैठे सभी लोगों का ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर जैसी अन्य जांच की | जांच से पता चला की मेधा पाटकर सहित सभी अनशन पर बैठे लोगों की हालत गंभीर है, ब्लड प्रेशर बहुत कम है और सभी में किटोन की मात्रा भी पाई गई | पुलिस प्रशासन से एस.डी.एम ऋषि गुप्ता और थाना प्रभारी शी.बी. सिंह भी उपस्थित थे और साथ ही समर्थन देने कुक्षी विधायक श्री हनी बगेल भी पहुचे |

डॉक्टर ने कहा की लगभग सभी की स्थिति गंभीर है और सभी को चिकित्सा जांच कराने की सलाह दिजाती है और साथ ही कहा की हॉस्पिटल में भरती करना सही रहेगा | लेकिन मेधा पाटकर सहित सभी अनशनकारियों ने चिकित्सा जांच के लिए साफ़ मना करते हुए कहा की प्रशासन को हम 12 लोगों की चिंता न करते हुए नर्मदा घाटी के लाखों लोगों की चिंता करनी चाहिए | चाहें स्थिति कितनी भी गंभीर हो जाये, ना तो हम कोई चिकित्सा जांच करवायंगे और न ही अनशन से उठेंगे | जब तक सरकार संवाद के लिए तैयार नहीं होती और पूर्ण पुनर्वास बाकी है इसलिए सरदार सरोवर बाँध के गेट जो बंद किये जा चुके हैं उन्हें वापस नहीं खोलती, हमारा अनशन जारी रहेगा |

 

First Published on:
Exit mobile version