उच्च शिक्षा में आरक्षण पर चुप्पी साधकर राजनीति कैसे बचा पाएँगे सपा और बसपा !

भि़ड़ेंगे तो कम से कम लालू प्रसाद की तरह राजनीति बच जाएगी. कांग्रेस ने भी भिड़ने का रास्ता चुना है

दिलीप मंडल

सवर्ण आरक्षण पर सपा-बसपा के ढीला पड़ने के बाद यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में रिजर्वेशन खत्म होना ही था. देश का लगभग सारा खेल यूपी में हो रहा है. सपा-बसपा ने अब भी चुप्पी साध रखी है. आप सब अब इन चीजों का इंतजार कीजिए. ये सब अगले तीन महीने में हो सकता है.

1. एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लगेगा
2. सबसे ज्यादा नौकरियों वाले डिपार्टमेंट – रेलवे का निजीकरण
3. राममंदिर निर्माण की घोषणा
4. अखिलेश यादव के खिलाफ रिवर फ्रंट मामले में मुकदमा
5. बहनजी के भाई आनंद के खिलाफ ईडी की कार्रवाई
6. ओबीसी का ऐसा बंटवारा, जिसमें यादवों की राजनीति खत्म करने की कोशिश होगी
7. यूनिवर्सिटी में नए सिस्टम से इतने सवर्ण चुनाव से पहले भर दिए जाएंगे, कि अगले 12-15 साल तक कोई नई नौकरी नहीं होगी.

आप डरकर बच नहीं पाएंगे. भि़ड़ेंगे तो कम से कम लालू प्रसाद की तरह राजनीति बच जाएगी. कांग्रेस ने भी भिड़ने का रास्ता चुना है. चिदंबरम का बेटा जेल खट आया है. राहुल और सोनिया पर मुकदमा है. वाड्रा पर केस है. लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस ने अपनी राजनीति बचा ली है और बीजेपी विरोध की वो चैंपियन नजर आने लगी है.

राफेल पर राहुल गरजते हैं. इस मुद्दे पर अखिलेश या बहनजी के मुंह से आवाज नहीं निकलती.

वैसे भी सपा और बसपा को तो अब एक तरफ से बीेजेपी और दूसरी तरफ से कांग्रेस निचोड़ेगी.

समाज का दैनिक डायरी लेखक होने के नाते मैं ये सब खबरें समय समय पर आपको देता रहूंगा. मुद्दों और विचारों के अलावा “न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर.”

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया विश्लेषक हैं।

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