आएगी…नहीं आयेगी….आकर रहेगी: तीसरी लहर को लेकर सबकी अलग राय, पर सरकारें कितनी तैयार?

देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। भले ही अभी मामले सभी राज्यों में ज्यादा न आ रहे हो, लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं जहां पर लगातार कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। इनमे दो राज्य केरल और महाराष्ट्र है, जहां से सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। केरल इस समय बढ़ते कोरोना के केस को लेकर टॉप पर है। वही दूसरा शहर महाराष्ट्र है जहां पर डेल्टा वैरिएंट ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। दूसरी लहर के पीक के बाद तीसरी लहर को लेकर अब तक बहुत सारे बयान सामने आ चुके हैं।

किसी का कहना है तीसरी लहर आएगी, तो किसी का कहना है नहीं आएगी, कोई कुछ कहता है, तो कोई कुछ। अब इस बीच देश में जो परिस्थिति बन रही हैं। उसे देखकर लोगों को खुद ही सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना के नए मामलों और सक्रिय मरीजों को लेकर केरल में हालत चिंताजनक हैं। प्रेस कांफ्रेंस करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में पिछले 24 घंटे में कोविड के 46,000 नए मामले सामने आए। इनमें से 58 % मामले अकेले केरल से सामने आए हैं।

महाराष्ट्र में बढ़ते मामलों के बीच अब छात्र संक्रमित..

महाराष्ट्र में कोरोना के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पांच दिन के अंदर ही कोरोना के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई है। 25 अगस्त को यहां 5,031 नए मामले सामने आए थे और 216 संक्रमितों की मौत हो गई। वहीं 21 अगस्त तक संक्रमण के मामलों की संख्या पांच हज़ार से नीचे थी। इससे पहले मामलों में थोड़ी कमी से लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन अब फिर से कोरोना के मामलों में उछाल आ गया है।

राज्य में 50,183 संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं इस बीच अब महाराष्ट्र से एक बड़ी और चिंताजनक खबर सामने आई है। गुरुवार 26 अगस्त को मुंबई के सेंट जोसेफ बोर्डिंग स्कूल के 22 छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए। यह स्कूल अग्रीपाड़ा इलाके में स्थित है यहां पर अब तक कुल 95 छात्रों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 22 छात्रों में कोरोना दर्ज किया गया हैं। इसके बाद बीएमसी ने स्कूल परिसर को सील कर दिया है। ऊपर से डेल्टा ने भी महाराष्ट्र को घेर रखा है।

चीन से भारत आया तो केरल महाराष्ट्र से दूसरे राज्यों में भी जा सकता है..

केरल के बाद महाराष्ट्र ही है जहां खतरे की घंटी बज चुकी है। अभी बाकी राज्यों में मामले भले ही काम है, लेकिन ये भी गौर करने वाली बात है की जब वायरस चीन से भारत आ सकता है और देश को महामारी के समुंदर में डाल सकता है, तो केरल और महाराष्ट्र से बाकी राज्यों में फैलने में वक्त नहीं लगेगा। ऐसे में यह सवाल महत्वपूर्ण है की राज्यों ने अपने लोगो की सूरक्षा के लिए क्या कदम उठाए है? तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी राज्य सरकारें इससे लड़ने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था में क्या सुधार कर रही है? क्योंकि अगर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के हालत दूसरी लहर की तरह ही रहेे, तो तीसरी लहर और भी ज्यादा भयावह हो सकती है क्योंकि इस लहर में बच्चों के शिकार होने की आशंका सबसे ज़्यादा है।

दिल्ली में तो है तैयारी पर बाक़ी राज्य?

दिल्ली में कोरोना के मामले इस समय पहले की बजाय न्यूनतम है लेकिन दूसरी लहर में बेशुमार मौतों को देखने के बाद अब दिल्ली सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुट गई है। कुछ महीने पहले सभी सरकारी अस्पतालों में 30 से 40 % तक बेड उपलब्ध कराने की योजना के तहत काम चल रहा था। लेकिन अब सरकार ने सरकारी अस्पतालों में हर बेड पर आक्सीजन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। ऑक्सीजन लगाने के इस काम को लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है। माना जा रहा है कि एक से डेढ़ महीने में ही सभी बेड पर आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए पाइप लाइन से लेकर सिस्टम तक तैयार कर दिया जाएगा। अब तक 30 से अधिक आक्सीजन प्लांट लोक निर्माण विभाग की ओर से सभी सरकारी अस्पतालों में लगाए जा चुके हैं। अभी यह प्रक्रिया चल ही रही है।

दिल्ली सरकार आक्सीजन टैंक भी लगाए जाने की तैयारी में है। यहां पर केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित कोटे की दूसरे राज्यों से मिलने वाली आक्सीजन को स्टोर किया जा सकेगा। दिल्ली और लखनऊ में दूसरी लहर में किस तरह के हालात थे, यह जागज़ाहिर है लेकिन अब दिल्ली सरकार ने तीसरी लहर से निपटने के लिए कुछ हद तक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

वहीं बात करें उत्तर प्रदेश सरकार की तो जिस तरह से लखनऊ के श्मशान घाट में लाशों की कतारें लगी हुई थी, उसके बाद अभी तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार की कोई खास तैयारियां नही नज़र आ रहीं है। यूपी सरकार को भी अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था और बेहतर बनाने की तैयारी करनी चाहिए। क्योंकि शहरों के नाम बदलने से न ही कोरोना के मामले ठीक होंगे और न ही तीसरी लहर आने से रुकेगी।

First Published on:
Exit mobile version