बच्चों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्कूल खोलने का फ़ैसला कितना सही?

 

देश में कोरोना के मामले धीरे-धीरे बढ़ते नजर आ रहे हैं। वैज्ञानिक पहले ही बच्चों को लेकर चेतावनी दे चुके हैं की तीसरी लहर बच्चों पर हावी हो सकती है। इसका असर धीरे – धीरे होता भी नाज़ाए आ रहा हैं। तीसरी लहर के रूप में कोरोना की वापसी होती दिख रही है। लेकिन, इस बार इसका निशाना ज्यादा तर बच्चे व युवा हैं। कोरोना के जो नए आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसमें युवा व बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। बीते दिनों बंगलूरू में दस दिन के अंदर 500 से ज्यादा बच्चों के संक्रमित हुए हैं। वहीं अब ओडिशा में भी एक दिन में 138 बच्चो के संक्रमित मिलने की खबर है। इसी बीच कुछ राज्यों में स्कूल भी खोल दिए गए हैं जिससे बच्चो में खतरा और बढ़ गया है।

ओडिशा में 138 बच्चो में कोरोना की पुष्टि..

बात करे ओडिशा की तो बीते रविवार यहां कोरोना के 1058 नए मरीज सामने आए। इसमें से 138 बच्चे है जो संक्रमित है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि एक दिन में 138 कोरोना संक्रमित बच्चों का सामने आना चिंता का विषय है। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 9,94, 565 पहुंच गई है।

झारखंड में स्कूल खुलने के बाद ही बच्चे संक्रमित..

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लगातार सुरक्षा की बात कही जा रही है। लेकिन ऐसे समय में जब सरकारों को पहले से ही इस बात कर इल्म है की बच्चे इस लहर में प्वाइंट पर है। तो कुछ राज्य सरकारें स्कूल खोलने को लेकर रिस्क कैसे ले रही हैं। इससे क्या समझा जाए की अपने राज्यों में यह कोरोना का बुलावा है?

झारखंड सरकार ने अनलॉक के तहत कुछ चीजों में छूट दी। सरकार के निर्देश के तहत 6 अगस्त से राज्य के 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोल दिया गया है। स्कूल खुलने के महज़ एक हफ्ते बाद ही बच्चे कोरोना से संक्रमित भी होने लगे हैं। मारवाड़ी स्कूल में शुक्रवार को इनकी एंटीजन जांच हुई, जिसके रिजल्ट में 3 बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। करीब 100 बच्चों में तीन बच्चो में संक्रमण की पुष्टि हुई।

उत्तर प्रदेश में भी खुले स्कूल..

उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले में गिरावट है। लेकिन सोमवार से यहां भी सीनियर बच्चों के स्कूल खोल दिए गए है। पहले ही 16 अगस्त को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल खोलने के निर्देश दे दिए गए थे। हालांकि बच्चों को स्कूल सावधानी के साथ बुलाया जा रहा है। दो पालियों में सुबह 8 से 12 और 12.30 से 4.30 बजे तक स्कूल चलेंगे, छुट्टी एक साथ नही होगी, एक पाली में 50 % बच्चे ही होंगे सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होगी। लेकिन इन सावधानियों के बावजूद अगर बच्चों में संक्रमण बढ़ा तो यह यूपी के लिए घातक हो सकता है।

जबकि सरकार ये भी कह रही है की संक्रमण के किसी भी लक्षण की दशा में विद्यार्थियों या अध्यापकों को वापस घर भेज दिया जायेगा। जब इस बात को सरकार समझ रही है की संक्रमण की आशंका हो सकती है, तो अभी ऐसे वक्त में स्कूल खोलने का फैसला कितना सही है? वो भी तब जब दूसरी लहर में ही वैज्ञानिकों ने इस बात के लिए आगाह कर दिया था की बच्ची को खतरा है और ऐसे समय में जब विश्व के कई देशों में बच्चों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है और डेल्टा वैरिएंट का प्रकोप भी बना हुआ है।

यह भी हैं की बच्चो की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है ऑनलाइन क्लास में बच्चों को पढ़ाना ज्यादा मुश्किल है। कुछ के पास फोन भी नही है जिससे वह ऑनलाइन पढ़ाई नही कर पा रहे है इस कारण उनकी पढ़ाई नही हो पा रही है लेकिन इस समय में स्कूल खोलने से बेहतर यह भी हो सकता है की सरकार गरीब बच्चो को ऑनलाइन बड़ाई करने का साधन उपलब्ध कराए। जिससे उनकी पढ़ाई का ज्यादा लॉस न हो और घर में रह कर वह कोरोना से सुरक्षित रह सके।

भारत के इन 5 राज्यों में नए कोरोना मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे..

  1. केरल- 18,582 कोरोना केस
  2. महाराष्ट्र- 4797 कोरोना केस
  3. तमिलनाडु- 1,896 कोरोना केस
  4. कर्नाटक- 1,431 कोरोना केस
  5. आंध्र प्रदेश- 1,506 कोरोना केस, वहीं पिछले 24 घंटे में देश में लगभग 33,500 ताजा मामले दर्ज किए गए।
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