पुलिस प्रशासन की रूकावट के बावज़ूद ‘युवा स्वाभिमान मोर्चा’ की तरफ से ‘युवा स्वाभिमान पदयात्रा’ शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्मदिवस पर प्रयागराज के चंद्रशेखर आज़ाद पार्क से रवाना हुई, जो 9 अक्टूबर को लखनऊ पहुंचेगी। युवा स्वाभिमान पदयात्रा को इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पांडे, एक्टू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कमल उसरी और एड. बी.एम. सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
युवा स्वाभिमान मोर्चा के संयोजक डॉ आर पी गौतम ने कहा कि रोज़गार देना सरकार की जिम्मेदारी है। रोज़गार नहीं तो सम्मानजनक युवा स्वाभिमान भत्ता दे सरकार। आरपी गौतम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का आधार प्रधानमंत्री का सबसे मशहूर जुमला “आत्मनिर्भर” होने का है। अर्थात सरकार स्वंय शिक्षा सुनिश्चित करने के बजाय प्राइवेट सेक्टर को निजी तथा सार्वजनिक-परोपकार की साझेदारी के नाम पर सौंप रही है। एनईपी निजी कंपनियों और सरकार को सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह नहीं ठहराती है। इससे सामाजिक एवं आर्थिक रूप से हाशिए पर स्थित समुदायों को प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
इस नीति से समावेशी और सामान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सवाल ही गायब कर दिया गया। प्रदेश सरकार SC, ST का जीरो (0) रुपए शुल्क पर प्रवेश की व्यवस्था ख़त्म करने के साथ छात्रवृत्ति व शोधवृत्ति को कम कर रही है ताकि गरीब-वंचित समाज के छात्र शिक्षा से व महंगे प्रोफेशनल कोर्स में दाखिल होने से ही बाहर हो जाएं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं, गरीबों, वंचित समुदाय के लिए स्वास्थ्य व सुरक्षा पाने के विषय में सोचना अपराध हो गया है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सरकार हेल्थ कार्ड दे रही है जो आदमी का इलाज कम मौत का कारण ज्यादा बन रहा है, क्योंकि प्राइवेट हॉस्पिटल पूंजी बनाने के लिए अतिरिक्त बीमारी बनाकर पैसा वसूलना चाहते है। “आपदा को अवसर” बनाने की कला यहां पर खूब दिखती है। समाज में अपराध अन्याय ख़त्म कर लोगों को सुरक्षा देने के बजाय अपराधियों, माफियाओं, बलात्कारियों के पक्ष में सरकार खुद खड़ी दिखाई देती है। अपराध ख़त्म करने के नाम पर एनकाउंटर राज कायम कर लोगों पर दहशत पैदा की जा रही है ताकि कोई व्यक्ति व संगठन अपने लोकतांत्रिक आवाज़ को बुलंद न कर सके।
सह संयोजक सुनील मौर्य ने कहा कि दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का वादा करके सत्ता में आये मोदीजी ने अपने कार्यकाल में उल्टे दो करोड़ से ज्यादा रोज़गार छीन लिये। अब सरकारी क्षेत्रों- रेलवे, कोल इंडिया, LIC, BPCL, Air India, HAL आदि का निजीकरण करके, बची हुई नौकरियों पर भी हमला बोल दिए हैं। जिन रिक्त पड़े पदों के लिए फार्म निकाले गए, उनकी भी नियुक्ति नहीं हो सकी। रेलवे के डेढ़ लाख पदों के लिए फार्म 2019 में लोकसभा चुनाव से पूर्व भराये गये, जिसमें 2 करोड़ 42 लाख आवेदन फार्म 500 रुपये देकर भरे गए, लेकिन अभी तक परीक्षा नहीं हो सकी। एसएससी सीजीएल 2018 की 11,271 पदों के लिए 4 मई 2018 को विज्ञापन आया लेकिन अभी तक अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ।
कर्मचारी नेता अजय भारती, इरफ़ात अली, महिला नेता गायत्री गांगुली, मजदूर नेता राम सागर, अनु सिंह, अनिल कुमार, रामनिवास, बृजेश कुमार, एड. राजवेंद्र सिंह, एड आशुतोष कुमार, प्रमोद कुमार, एड अनुज कुमार,एड संतोष, एड. अखिलेश पांडे, विकास स्वरुप, रितेश विद्यार्थी, शिवानी, नेहा यादव, सुनील यादव, अंतस सर्वानंद, शक्ति रजवार ने आज़ाद पार्क पहुंचकर पदयात्रा को समर्थन दिया।
पदयात्रा का समर्थन करते हुए नेताओं ने कहा कि युवा, किसान, मजदूर, कर्मचारी, महिला, नौजवान, छात्र सब सरकार की जन विरोधी -देश विरोधी नीतियों से त्रस्त है। सबको एक होकर विरोध प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ना है। पदयात्रा में युवा स्वाभिमान मोर्चा के संयोजक डॉ आर पी गौतम, सहसंयोजक सुनील मौर्य, शैलेश पासवान, अमर बहादुर गौतम राम अवन, ठाकुर प्रसाद, सोनू यादव, शशि सिद्धार्थ, अनिल कुमार, धर्मराज कोल, शिव कुमार कोल, सुबास चंद्र वर्मा, आनंद राजभर, बबलू बियार, रोशन लाल, मंगला प्रसाद, करन, विमलेश गौतम शामिल हैँ।
युवा स्वाभिमान मोर्चा द्वारा जारी