गणतंत्र दिवस पर उत्‍तराखण्‍ड पुलिस ने मजदूर नेता कैलाश भट्ट को दिनदहाड़े उठा लिया

दिसम्बर में उत्तराखंड पुलिस ने फर्जी मुकदमा लगाकर 61 मजदूरों, 18 महिलाओं तथा 9 बच्चों को गिरफ्तार किया था

इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र के अध्यक्ष कैलाश भट्ट को 26 जनवरी को रूद्रपुर (उत्तराखंड) में मजदूर सत्याग्रह और जुलूस के कार्यक्रम बाद उत्तराखंड पुलिस ने उठा लिया और उन्हें अज्ञात जगह पर लेकर चली गई।

गौरतलब है कि 87 दिन चले इंटरार्क मज़दूरों के जुझारू आंदोलन के दौरान कैलाश पर कई धाराओं के तहत उत्तराखंड पुलिस ने फर्जी मुकदमे लगाए थे। उस समय आंदोलन के दबाव में उत्तराखंड पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पायी थी। 26 जनवरी को सिडकुल पंतनगर के विभिन्न कंपनियों में मजदूरों के शोषण-उत्पीड़न एवं लंबित मांगपत्रों पर श्रम विभाग द्वारा वार्ता न बुलाए जाने के विरोध में मज़दूर सत्याग्रह आयोजित किया गया था। सत्याग्रह के बाद शहर में जुलूस निकालने का कार्यक्रम भी था।

जुलूस के कार्यक्रम को प्रशासन ने बाधित करने की कोशिश की। परगनाधिकारी (sdm) रुद्रपुर ने भारी पुलिस बल के साथ आकर मज़दूरों से जुलूस की अनुमति न होने की बात की और धमकाते हुए जुलूस निकालने पर गंभीर परिणामों की चेतावनी दी। इ.म.के. अध्यक्ष कैलाश भट्ट व विभिन्न यूनियन प्रतिनिधियों की s.d.m. रुद्रपुर के साथ इस बात को लेकर तीखी नोंक झोंक हुयी। उस समय प्रशासन को दबाव में पीछे हटना पड़ा लेकिन जुलूस ख़त्म होने के बाद घात लगाकर पुलिस ने अपने आवास जाते हुए रास्ते में ही कैलाश भट्ट को उठा लिया। उसके बाद से कैलाश का मोबाइल फोन भी लगना बंद हो गया।

इस घटना की जानकारी होने पर जब मजदूर प्रतिनिधि रुद्रपुर कोतवाली पहुंचे तो पहले तो पुलिस घटना के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करती रही, बाद में उसने बताया कि कैलाश भट्ट की गिरफ्तारी किच्छा पुलिस ने की है। किच्छा रुद्रपुर से 25-30 किलोमीटर दूर एक कस्बा है जहां इन्टरार्क कम्पनी का दूसरा प्लांट स्थित है।

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इंटरार्क के मजदूर जब संघर्ष कर रहे थे, तब वे  22 दिन धरने व आमरण अशन पर थे। तीन दिन तक फैक्ट्री पर कब्जा करने के बाद मालिक को झुकना पड़ा था। उस दौरान कई बार महिलाओं, मजदूरों और इंकलाबी मजदूर केंद्र के कार्यकर्ताओ को पुलिस प्रशासन द्वारा धमकाया गया था। आखिर में 1 दिसम्बर को उत्तराखंड पुलिस ने फर्जी मुकदमा लगाकर 61 मजदूरों, 18 महिलाओं तथा 9 बच्चों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने देर रात बहुत से मजदूरों को छोड़ भी दिया किन्तु पांच मजदूरों को जेल ले गई। कई मजदूरों व इंकलाबी मजदूर केन्द्र के कार्यकर्ताओ पर फर्जी मुकदमे लगा दिए गए।  

कैलाश भट्ट रूद्रपुर के मजदूर आन्दोलन की अगुवाई करने वाले मजदूर नेता हैँ। इसीलिये पुलिस ने फर्जी मुकदमा लगाकर कैलाश भट्ट को गिरफ्तार किया है। भट्ट पर गैर-ज़मानती धाराएं लगाई गई हैं।

गणतंत्र दिवस पर हुई इस अवैध गिरफ्तारी के विरोध में फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों ने 27 जनवरी को दोपहर 12.00 बजे बी.के. चौक पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और उत्तराखंड सरकार का पुतला दहन किया। सोमवार 28 जनवरी को दिल्‍ली स्थित उत्‍तराखण्‍ड भवन पर दिन में 12 बजे एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया है जिसमें कैलाश भट्ट की गिरफ्तारी के खिलाफ राज्‍य शासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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