मीडियाविजिल डेस्क
अगर आप चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के प्रत्याशी नहीं हैं, तो अपने प्रचार के परचे और सामग्री को लेकर सावधान हो जाइए। परचे में आप ‘नरेंद्र मोदी’ तो क्या, राजनाथ सिंह और अजित डोभाल का नाम भी नहीं ले सकते। आप परचे में ‘मोदी सरकार’ भी नहीं लिख सकते, उसकी जगह आपको भारत सरकार या केंद्र सरकार लिखना होगा। ‘सांप्रदायिक फासीवाद’ का प्रयोग भी वर्जित है और यह अपनी जनता को ‘’क्रांतिकारी’’ अभिवादन करना भी प्रतिबंधित है।
सबसे बडी बात, आप चुनाव तो भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन परचे पर ‘’भाजपा हराओ’’ नहीं लिख सकते। नैनीताल में भाकपा(माले) के प्रत्याशी के परचे के साथ जो बरताव आचार संहिता के नाम पर किया गया है, वह देश भर में नज़ीर बन सकता है।
आज के टाइम्स ऑफ इंडिया में नैनीताल से प्रकाशित रोहित जोशी की लिखी ख़बर भयावह है। हुआ यों है कि नैनीताल से भाकपा(माले) के प्रत्याशी कैलाश पांडे ने आचार संहिता निगरानी समिति के नोडल अफसर के खिलाफ मुख्य निर्वाचन आयुक्त को एक शिकायत भेजी है जिसमें उन्होंने पार्टी के चुनावी परचे में प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना से जुड़े शब्दों को प्रतिबंधित किए जाने पर घोर आपत्ति जतायी है। पांडे ने कहा है कि नोडल अफसर द्वारा तारी किया गया सेंसरशिप उनके जनतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
खबर के मुताबिक भाकपा(माले) के परचे को दोबारा ड्राफ्ट करने के लिए नोडल अफसर योगेश मिश्र और पार्टी के नेताओं के बीच एक बैठक में सहमति बनी थी। मिश्र के मुताबिक परचे में किसी की निजी आलोचना आचार संहिता के खिलाफ है। वे ‘नरेंद्र मोदी’ की जगह सांसद या प्रधानमंत्री लिखसकते हैं। यहां तक कि विपक्ष के प्रत्याशी भगत सिंह कोश्यारी का नाम भी परचे में लेना आचार संहिता के खिलाफ है।
इसी तरह मोदी सरकार लिखना भी गलत है। नीचे देखिए भाकपा(माले) का परचा जिसे नोडल अफसर ने लाल रंग से रंग दिया है।
उन्हें क्या-क्या आपत्ति है इसे बिंदुवार जानें:
- परचे के ऊपर नारा लिखा है ‘भाजपा हराओ, भाकपा(माले) जिताओ’। इसमें भाजपा हराओ को काट दिया गया है।
- मोदी, नरेंद्र मोदी और ‘लूट, झूठ पर सवार मोदी सरकार’ पर आपत्ति है।
- ‘’सच्चाई यह है कि मोदीजी ने देश की जनता को जो सपने दिखाए थे उनका परदाफाश हो चुका है…’’- इस पूरे पैरा को उड़ा दिया गया है।
- ‘’संसाधनों को बेचने की दिशा में कदम बढ़ा रही है’’- इसे भी काटा गया है।
- ‘’गाढ़ी कमाई पर डाका’’- इसे भी लाल किया गया है।
- परचे के अंत में ‘’क्रांतिकारी अभिवादन’’ में से ‘’क्रांतिकारी’’ को उड़ा दिया गया है।
दिचस्प यह है कि प्रत्याशी को खुद आचार संहिता निगरानी समिति की ओर से उनकी पार्टी का संशोधित परचा भेजा गया है। इसका मतलब यह हुआ कि आप चुनाव तो लडि़ए लेकिन आप अपनी जनता को कैसे संबोधित करेंगे, यह भी सरकार ही तय करेगी।