कश्‍मीर के फोटो पत्रकार कामरान यूसुफ़ को रिहा करने के लिए आवाज़ें तेज़, CPJ ने निंदा की

कश्‍मीर के फोटोपत्रकार कामरान यूसुफ़ की रिहाई के लिए मांग तेज़ हो गई है। कश्‍मीर के चर्चित अख़बार ग्रेटर कश्‍मीर के लिए काम करने वाले 23 वर्षीय कामरान को पुलवामा पुलिस ने 4 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलवाया था, जिसके बाद नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनइाइए) ने उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया और अगले दिन उन्‍हें कथित रूप से दिल्‍ली भेज दिया गया।

कामरान पर पत्‍थरबाजी का आरोप है हालांकि कोई औपचारिक मुकदमा दर्ज किए जाने की बात अब तक सामने नहीं आई है। खबरों में कामरान के चाचा इरशाद अहमद गनाइ के आए बयान के मुताबिक 16 सितंबर को इस मामले की अदालत में सुनवाई की जाएगी।

इस बीच मंगलवार को संपादकों की संस्‍था कश्‍मीर एडिटर्स गिल्‍ड (केईजी) ने कामरान को बिना आरोप के हिरासत में रखे जाने की निंदा की है।

केईजी के प्रवक्‍ता ने मंगलवार को श्रीनगर में जारी एक बयान में कहा, ”केईजी ने फोटोग्राफर को जल्‍दी रिहा करने के लिए अधिकारियों से कहा है और उन विभिन्‍न मीडिया संस्‍थानों की सराहना करता है जिन्‍होंने उनकी गिरफ्तारी पर सरोकार जताया है।”

इससे पहले अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था कमिटी टु प्रोटेक्‍ट जर्नलिस्‍ट्स (सीपीजे) ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कामरान की तत्‍काल रिहाई की मांग की थी। सीपीजे के उप कार्यकारी निदेशक रॉबर्ट महोनी ने कहा, ”भारतीय प्रशासकों को जम्‍मू और कश्‍मीर क्षेत्र में स्‍वतंत्र प्रेस का दमन करने से बाज़ आना चाहिए। कामरान यूसुफ़ को तत्‍काल रिहा किया जाना चाहिए।”

कामरान यूसुफ़ स्‍वतंत्र फोटोग्राफर हैं जो ग्रेटर कश्‍मीर के अलावा कई अन्‍य प्रकाशनों को सहयोग करते थे। पिछले साल घाटी में हुए आंदोलन पर उनकी खींची तस्‍वीरों को काफी लोकप्रियता हासिल हुई थी और इन तस्‍वीरों को मिलाकर ढाई मिनट की एक फिल्‍म भी बनी थी जिसका नाम है – कश्‍मीर अपराइजिंग 2016, जिसे नीचे देखा जा सकता है।

Kashmir Uprising 2016 (©Kamran Yousuf)

 

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