नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरुद्ध प्रदर्शन करने पर पुलिस द्वारा धनबाद में 3000 लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अविलंब निरस्त करने के आदेश दिए हैं. साथ साथ दोषी अधिकारी के ख़िलाफ़ समुचित करवाई की अनुशंसा कर दी गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है.
साथ साथ दोषी अधिकारी के ख़िलाफ़ समुचित करवाई की अनुशंसा कर दी गयी है।
साथ ही मैं झारखंड के सभी भाइयों/बहनों से अपील करना चाहूँगा की राज्य आपका है, यहाँ के क़ानून व्यस्था का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। 2/2
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 8, 2020
हेमंत सोरेन ने जनता को आश्वस्त करते हुए लिखा है कि राज्य के सभी भाइयों-बहनों से अपील करते है कि झारखंड आपका अपना राज्य है. यहां की कानून व्यवस्था का सम्मान करना सभी का कर्तव्य है.
सीएम का निर्देश मिलते ही एसपी ने धनबाद थाना प्रभारी संतोष कुमार को पत्र लिख कर अगले तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं अविलंब इस धारा को विलोपित करते हुए न्यायालय में अविलंब शुद्धिपत्र जमा करने का निर्देश भी दिया है.
क़ानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज़ दबाने के लिए नहीं बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने को होता है।
मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में क़ानून जनता की आवाज़ को बुलंद करने का कार्य करेगी।
धनबाद में 3000 लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को अविलंब निरस्त करने के 1/2 pic.twitter.com/Y0PMT84Vra
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 8, 2020
धनबाद थाना प्रभारी संतोष कुमार लिखे पत्र में एसपी ने कहा है कि धनबाद के अंचल अधिकारी (सीओ) प्रशांत कुमार लायक के लिखित आवेदन पर मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरुद्ध वासेपुर में निकाले विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को आइपीसी की कई धारा के तहत केस दर्ज हुआ था.आवेदन में कहा गया था कि जुलूस बिना सूचना के गया पुल से पूजा टॉकी, सिटी सेंटर और रणधीर वर्मा चौक तक निकाला गया.
दरअसल, मंगलवार 7 जनवरी, 2019 को धनबाद के अल्पसंख्यक बहुल वासेपुर से हजारों लोगों ने बगैर अनुमति के CCA और NRC के विरोध में जुलूस निकाला था. लोग वासेपुर से जुलूस निकाल धनबाद शहर में प्रवेश कर गए थे.
जुलूस में शामिल सात नामजद समेत करीब तीन हजार लोगों पर धनबाद थाना में राष्ट्रद्रोह के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. यह देश में शायद पहला मामला था कि एक साथ तीन हजार लोगों पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया. एसडीओ राज महेश्वरम के निर्देश पर सीओ प्रशांत कुमार लायक ने थाना में आवेदन दिया था.