झारखंड: CM हेमंत सोरेन ने पत्थलगड़ी आन्दोलन के सभी केस वापस लेने के आदेश दिए

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को कैबिनेट की पहली बैठक में ही 2017-2018 में पत्थलगड़ी आंदोलन में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज मुक़दमे को वापस ले लिया है.

मंत्रिपरिषद द्वारा सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध करने के फलस्वरूप तथा पत्थलगड़ी करने के क्रम में जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मुकदमे दायर किए गए हैं, उन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया तथा तदनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया.

रघुबर दास के कार्यकाल में छोटानागपुर और संथाल परगना काश्तकारी क़ानून में ढील देने की कोशिश की गई थी और इसे लेकर भारी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था.

इस मामले में भी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया था. हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक में इन मुक़दमों को भी वापस लेने का फ़ैसला किया है.

पत्थलगड़ी आंदोलन में आदिवासियों ने बड़े-बड़े पत्थरों पर संविधान की पांचवीं अनुसूची में आदिवासियों के लिए प्रदान किए गए अधिकारों को लिखकर जगह-जगह ज़मीन के ऊपर लगा दिए थे.यह आंदोलन काफ़ी हिंसक हो गया था. इस दौरान पुलिस और आदिवासियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था और आंदोलन फैल गया था.

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