कोरोना: AIPWA ने की राजनीतिक बंदियों की अविलंब रिहाई की मांग

दिल्ली, लखनऊ और देश भर के शाहीनबागों की महिलाओं ने कोरोना से बचाव के लिए अपने धरने को टाला है. ये सराहनीय है. कायराना तरीके से दिल्ली में और अन्य जगह पुलिस ने आंदोलनकारियों को गिरफतार करके जेल भेजा है. आज भी दिल्ली में शाहीनबाग की महिलाओं को (जो धरना स्थल खाली कर चुकी थी) को पुलिस उठा कर ले गयी.
लखनऊ के घंटाघर से गिरफ्तार साथियों में AISA के नितिन राज और अश्विनी यादव सहित अन्य आंदोलनकारियों को कई दिनों पहले ही झूठे आरोपों में गिरफतार कर लिया गया. दिल्ली में भी इसी तरह फर्जी आरोपों में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के खालिद सैफी की प्रताड़ना कर उन्हें जेल में रखा गया है.
कोरोना वायरस महामारी के समय इन और अन्य राजनीतिक बंदियों को जेल में रखना, उनकी जान को खतरे में डालना है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सात साल से कम की सज़ा काटने वालों को पैरोल पर रिहा किया जाए ताकि जेल में भीड़ कम करके महामारी को रोका जा सके. हम मांग करते हैं कि देश भर के शाहीनबागों से गिरफ्तार लोगों सहित, अन्य राजनीतिक बंदियों को अविलंब छोड़ा जाए और साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तुरंत ही जेल के कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाए.

विज्ञप्ति: AIPWA GS द्वारा जारी

First Published on:
Exit mobile version