गोरखपुर गैंगरेप: मुख्यमंत्री की कर्मभूमि में भी महिलाएँ असुरक्षित, सरकार कहाँ है- माले

भाकपा (माले) की उत्तर राज्य इकाई ने गोरखपुर में मंगलवार रात घर लौट रही नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की घटना के दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि प्रदेश ही नहीं, मुख्यमंत्री की कर्मभूमि पर भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में इस सरकार के बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह गया है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि घटना में पुलिस की शुरुआती भूमिका बलात्कारियों को संरक्षण देने वाली थी, जो कम शर्मनाक नहीं थी। रेप के तुरंत बाद रोती हुई पीड़िता जब कुछ स्थानीय मददगारों के साथ रिपोर्ट लिखाने पुलिस चौकी पहुंची, तो उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। यदि मददगारों ने घटना पर पर्दा डालने वाले पुलिस के इस रवैये के खिलाफ सोशल मीडिया की मदद न ली होती, तो इतनी बड़ी घटना को रफादफा ही कर दिया गया होता।

राज्य सचिव ने कहा कि यह सोशल मीडिया से पैदा हुआ जनदबाव था, जिससे अन्ततः 24 घंटे बाद पुलिस प्रशासन बलात्कार, पोक्सो एक्ट व अन्य धाराओं में घटना की रिपोर्ट दर्ज करने और दो पुलिसकर्मियों को निलंबित करने को बाध्य हुआ। ऐसे में सोशल मीडिया का उपयोग करने के कारण पीड़िता के मददगारों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज करने की पुलिस कार्रवाई को उन्होंने जनविरोधी बताया।

माले नेता ने नाबालिग लड़की से गैंगरेप के दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से सुनवाई करा कर सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की।

गौरतलब है कि आर्केस्ट्रा की नाबालिग डांसर अपना काम खत्म कर जब रात करीब दस बजे घर लौट रही थी, तो गुंडों ने उसे रास्ते में पकड़ लिया और बंधक बनाकर रेप किया। लड़की किसी तरह जान बचाकर पुलिस के पास पहुंची, जिसने कार्रवाई करने के बजाए उसे घर पहुंचा दिया।

First Published on:
Exit mobile version