चंचल
‘जीत की खुशी में जवानों ने बोफोर्स को चूमा और बोफोर्स के साथ राजीव गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए ।’ हमने जार्ज से पूछा – आपने यह देखा ? जार्ज हँसे । गलत नही है । बोफोर्स ने बहुत बड़ा काम किया है । नीचे से ऊपर मार करना और उन्हें पीछे फेकना बोफोर्स ही कर सकता था ।
सीन 2
और पीछे चलिये । वी पी सिंह विद्रोह कर चुके थे या यूँ कहिए कांग्रेस से निकाले जा चुके थे । कुल तीन लोग थे जो वी पी का साथ दे रहे थे । संतोष भारती , राज बब्बर और चंचल । बाकी लोग बाद में आये । हम जार्ज के साथ बैठे थे , नैनीताल से प्रताप भैया आये थे , बहुत उत्साहित थे । कांग्रेस के खिलाफ , राजीव जी के खिलाफ बोले जा रहे थे , जार्ज सुन रहे थे फिर अचानक जार्ज बोले – फंस गया लड़का ( राजीव गांधी ) प्रणव चाहते तो जवाब दे सकते थे लेकिन राजीव बोल नही पा रहा । कौन नही जानता कि रक्षा सौदे में कमीशन नही चलता ? सब को मालूम है । और बात खत्म हो गई ।
सीन 3
इलाहाबाद सिविल लाइन , राजा मांडा वी पी सिंह का ऐश महल , खाने की टेबल पर संतोष भारती , डॉ संजय सिंह , योगेश मिश्र खमरिया , राम सिंह सुल्तान पुर और यह खादिम नास्ता कर रहे है, रानी सीता देवी जी खुद परोस रही हैं । संतोष ने धीरे से सीता जी को कुछ बोला और उसके तुरत बाद सीता जी हमारी तरफ मुड़ी और बोली – चंचल ! सब आ गए ,अभी तक जार्ज का कुछ पता ही नही , उन्हें तुम्ही बुला सकते हो । फिर डॉ संजय सिंह पीछे पड़ गए , बुलावो यार । पूरा अपोजीशन यहां आ चुका है केवल जार्ज नही हैं । हॉइ कोर्ट के नामी वकील बाद में एटॉर्नी भी बने , ये डी गिरी के यहां हम गए । जार्ज को फोन किया किसी तरह तैयार हुए एवज में वी पी पर जो बोले वह यहां असामयिक है ।
(चंचल जी, वरिष्ठ पत्रकार और चित्रकार हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं।)