UP: बारिश और बाढ़ का क़हर, फ़सल बर्बाद, सब्जियों के दाम आसमान पर!

उत्तराखंड में प्रकृति के कहर ने लोगों के जीवन को संकट में डाल दिया है। इससे लोगों को जान-माल का नुकसान तो हुआ लेकिन साथ ही यहां आई आपदा से दूसरे राज्यों के किसानों की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। उत्तराखंड में हुई बेमौसम बरसात से गंगा में जो बाढ़ आई है उसने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खादर क्षेत्र के दस गांवों में सैकड़ों किसानों की सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है। बाढ़ के पानी ने पूरी फसल तहस नहस कर दी। गन्ने के खेत भी पानी से भरे हुए हैं। आने वाले दिनों में भी किसानों की परेशानी कम होने की संभावना नहीं है। क्योंकि जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के पार है।

10 गांवों के किसानों के लिए गंगा का पानी बना समस्या..

उत्तर प्रदेश के जीवनपुरी, रामपुर ठकरा, उजाली कलां, उजाली खुर्द, सीताबपुरी, नया गांव, खैर नगर, मजलिसपुर, हंसावाला समेत करीब 10 गांवों के किसानों के लिए गंगा का जल समस्या बन गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ के पानी से पीड़ित कुछ किसानों का कहना हैं कि गन्ने के खेत में पानी भरा है। सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है। फसल बर्बाद होने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि अभी पानी उतरने की कोई संभावना नहीं है। किसानों का कहना हैं कि किसानों की समस्या को कोई समझने के लिए तैयार नहीं है। प्रशासन ने फसलों को बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं।

बारिश के बाद सब्जियों के दाम आसमान पर..

राज्य में जिस फसलों का नुकसान हुआ उनमें गन्ना, परमल, मूली, गोभी, गाजर आदि की फसल शामिल हैं।बाढ़ से फसलें खराब हुई और बारिश के बाद अब सब्जियों के बढ़ते दाम ने भी लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। दाम अचानक आसमान छूने लगे जहां गोभी की कीमत तीन दिन पहले 45 रुपये प्रति किलो थी वहीं अब 60 रुपये प्रति किलो हों गई है। पालक की कीमत 20 रुपये बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो हो गई है। यहां तो केवल दो चीजों के नाम बताए गए हैं अन्य हरी सब्जियों के दाम भी आसमान को छूने लगे हैं।

सिल्ट जमा होने से फसल बर्बादी के कगार पर..

गंगा के पानी के साथ आई सिल्ट, क्षेत्र के किसानों को बर्बाद कर रही है। धान, गन्ना और चारे की फसलों पर सिल्ट जमा होने से फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है। इससे किसानों को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं बढ़ से किसानों को हुए इन नुकसानों पर एसडीएम जनसठ जयेंद्र कुमार का कहना है कि पानी उतरते ही किसानों के नुकसान का आंकलन किया जाएगा। प्रशासन जलस्तर पर नज़र रखे हुए है। बाढ़ चौकियां भी अलर्ट पर है।

भाजपा किसान मोर्चा ने प्रशासन को बाढ़ की सूचना दी, लेकिन कोई मदद नहीं..

इस तबाही पर भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकारी सदस्य आशीष शर्मा का कहना है कि प्रशासन के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई थी। जलस्तर बढ़ने और फसलों की नुकसान की जानकारी दी तो गई, लेकिन अभी तक कोई अधिकारी क्षेत्र में नहीं पहुंचा है। हालांकि जिला पंचायत अध्यक्ष ने किसानों की समस्याओं को जरूर सुना है।

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