कश्मीर पर मलेशिया के रुख के खिलाफ SEAI ने लगाई पाम आयल आयात पर रोक

भारत के शीर्ष वनस्पति तेल व्यापार निकाय ने सोमवार को अपने सदस्यों को मलेशिया से ताड़ के तेल की खरीद बंद करने को कहा है. कश्‍मीर को लेकर पाकिस्‍तान का समर्थन करने वाले मलेश‍ि‍या और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईएआई) ने सरकार का साथ देने का निर्णय किया है. भारतीय खाद्य तेल उद्योग ने अपने सभी सदस्‍यों से आह्वान किया है कि वो मलेशिया से पाम तेल खरीदना पूरी तरह से बंद कर दें.

मलेशिया के प्रधान मंत्री महाथिर मोहम्मद ने पिछले महीने कहा था कि भारत ने कश्मीर पर आक्रमण कर उस पर कब्जा किया है.

मलेशिया द्वारा पाकिस्तान का साथ दिए जाने के बाद से भारत द्वारा आयात किए जाने वाले पाम आयल की मांग में खासी गिरावट देखी गई. देश के व्यापारियों ने साफ कहा है कि उनके लिए व्यापार से पहले देश है. भारत सबसे ज्यादा पाम ऑयल मलेशिया से आयात करता है.

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईएआई) के निर्देश से पता चलता है कि राष्ट्रवादी भावनाएं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को कैसे प्रभावित कर सकती हैं, और इंडोनेशिया के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक और ताड़ के तेल के निर्यातक मलेशिया के लिए एक बड़ा झटका है।

भारतीय खाद्य तेल उद्योग ने भी सोमवार को एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री द्वारा अप्रमाणित घोषणाओं से भारत सरकार नाराज है और वह इसका जवाबी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है. जिम्‍मेदार भारतीय खाद्य तेल उद्योग के रूप में, हम मलेशिया से पाम तेल की खरीद करने से तब तक बचें, जब तक भारत सरकार आगे आकर कोई स्‍पष्‍टता नहीं देती है.

खाने के तेल के मामले में भारत अभी आत्मनिर्भर नहीं हुआ है.देश में खपत होने वाले कुल खाने के तेल का लगभग 60-65 प्रतिशत भाग विदेशों से आयात होता है और देश में आयात होने वाले कुल खाने के तेल का लगभग 60-65 प्रतिशत भाग पाम ऑयल का होता है. मलेशिया और इंडोनेशिया पाम ऑयल के सबसे बड़े उत्पादक देश हैं और भारत इन्हीं दोनो देशों से पाम ऑयल का आयात करता है.

मलेशिया की जीडीपी में खाद्य तेलों के व्यापार का योगदान 2.8 प्रतिशत है. दक्षिण पूर्व एशिया में पाम ऑयल उद्योग सबसे बड़ा है. इससे 3.2 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है.

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