लखनऊ: सदफ जाफर,एसआर दारापुरी जेल से रिहा हुए, रॉबिन वर्मा को भी मिली जमानत

सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को मंगलवार सुबह लखनऊ जिला जेल से रिहा किया गया. दोनों को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. वहीं 20 दिसंबर को लखनऊ से गिरफ्तार शिक्षक और मानवाधिकार कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा को भी लखनऊ की अदालत ने जमानत दे दी है.

जेल से रिहा होते ही एसआर दारापुरी और सदफ जाफर ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए.

एसआर दारापुरी ने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं था. मुझ पर सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ टिप्पणी पोस्ट करने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया जो कि बिल्कुल गलत है.

कई निर्दोषों को फंसाया गया है और बेरहमी से पीटा गया है. हिंसा के लिए आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार हैं.

पूर्व आइजी दारापुरी ने कहा जब मुझे थाने ले जाया गया तो मैंने कहा मुझे ठंडी लग रही है मेरे पास कोई कपड़ा नहीं है, मुझे कम्बल दिया जाए, पर मुझे उन्होंने कम्बल देने से मना कर दिया.

सदफ जाफर ने कहा कि 19 दिसंबर को जब लखनऊ में हिंसा हुई तो मैं फेसबुक लाइव के जरिए पुलिस की निष्क्रियता उजागर कर रही थी. हम शांतिपूर्वक सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे थे, जो संवैधानिक है.योगी सरकार अमानवीय है.सदफ जाफर ने कहा कि थाने में उनके साथ मारपीट हुई, उनके बाल खींचे गये.

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