चीनी घुसपैठ पर राहुल गांधी ने पूछा- प्रधानमंत्री जी, आप चुप क्यों हैं, कहां छुप गए हैं?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीनी सेना द्वारा भारतीय सीमा में की गई घुसपैठ और 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने वीडियो संदेश के जरिये कहा है कि “दो दिन पहले हिंदुस्तान के 20 सैनिक शहीद हुए, उनको उनके परिवारों से छीना गया। चीन ने हिंदुस्तान की जमीन छीनी है, हमारी जमीन हड़पी है। प्रधानमंत्री जी आप चुप क्यों हैं? आप कहां छुप गये हैं? आप बाहर आइए! पूरा देश, हम सब आपके साथ खड़े हैं! एक साथ खड़ा हुआ है आपके साथ देश! बाहर आइए और देश को सच्चाई बताइए, डरिये मत!”

 

इसके कुछ देर पहले राहुल गांधी ने एक और ट्वीट में कहा कि “प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? वो छुप क्यों रहे हैं? राहुल ने आगे कहा “बस, अब बहुत हुआ। हमें सच जानना है कि आखिर क्या हुआ है? चीन ने हमारे सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे की?  हमारी जमीन हड़प लेने की उसकी हिम्मत हुई ?

 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर कहा है कि “हमारी धरती मां, हमारी संप्रभुता खतरे में है। हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। क्या हम चुप बैठे रहेंगे? भारत की जनता सच की हकदार है, उसे ऐसे नेतृत्व की दरकार है जो हमारी जमीन छिनने से पहले अपनी जान देने के लिए तैयार हो।

सामने आइए नरेंद्र मोदी जी चीन का सामना करने का वक्त आ गया है।

इसके पहले मंगलवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारतीय सीमा में की गई घुसपैठ की खबरों पर गहरी चिंता व्यक्त की। कांग्रेस ने कहा कि घुसपैठ की इन खबरों ने पूरे देश में गंभीर चिंता व व्यग्रता पैदा कर दी, पर सीमा में घुसपैठ के तथाकथित चीनी दुस्साहस पर मोदी सरकार ने मौन साध लिया। कांग्रेस ने कहा कि भारत की ‘सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता’ से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले पांच दशकों में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक भी दुर्घटना या हमारे सैनिक की शहादत भारत-चीन सीमा पर नहीं हुई है। चीनी सैनिकों के हाथ हमारे जांबाज और बहादुर अधिकारी और सैनिकों की शहादत की खबरें बहुत ही चौंकाने वाली, भयावह और पूर्णतया अस्वीकार्य हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि इन खबरों को सुन पूरा देश क्षुब्ध है, रोष में है, परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। उन्होने कहा कि क्या प्रधानमंत्री बताएंगे कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए पैदा हुई इस चुनौतीपूर्ण व गंभीर स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार की नीति क्या है?

वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह का एक भाषण ट्वीट कर कहा है कि “चीन की तरफ़ से ख़तरे और चुनौती को लेकर नेताजी ने समय-समय पर सरकारों को चेताया है लेकिन सरकार चीन की चेतावनी को लेकर उदासीन है… सरकार इसका जवाब कब देगी?”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवार वालों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

बता दें कि सोमवार रात गालवान घाटी में भारत और चीन की सेना में हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। सेना ने इस बात की पुष्टि की है। दूसरी ओर कुछ मीडियो रिपोर्टस में चीन के 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है, हालांकि चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

इसके पहले चीनी सेना के साथ किसी मुठभेड़ में, भारतीय सैनिकों की शहादत आख़िरी बार 1975 में हुई थी। 45 साल बाद, इस तरह की हिंसा से तनाव किस स्तर पर जा सकता है– इसको लेकर केवल देश की सुरक्षा ही नहीं, राजनैतिक और सामाजिक रूप से भी चिंता की जानी चाहिए। सेना की ओर से अभी कोई और जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन दोपहर से ही 34 सैन्यकर्मियों के लापता होने की ख़बर है,  इस बारे में कुछ और जानकारी नहीं है। लेकिन अगर ये शहादत उन लापता, 34 जवानों में से ही है– तो ये सवाल भी होना चाहिए कि बाकी जवान किस हालत में हैं और वे वे कहां हैं?


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