कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुनकरों, छोटे व्यवसायियों और कारीगरों की बुरा हालत को लेकर बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने वाराणसी के बुनकरों की तंगहाली की खबर पर कहा कि हवा-हवाई बातों से नहीं, बल्कि ठोस आर्थिक पैकेज देकर ही इन्हें तंगहाली से निकाला जा सकता है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुनकरों के हालात से जुड़ी एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि “यूपी सीएम ने पीएम साहब को बुलाकर एक आयोजन कर बताया कि छोटे और मझोले उद्योगों में लाखों रोजगार मिल रहे हैं।
लेकिन हकीकत देखिए। पीएम के संसदीय क्षेत्र के बुनकर जो वाराणसी की शान हैं, आज गहने और घर गिरवी रखकर गुजारा करने को मजबूर हैं। लॉकडाउन के दौरान उनका पूरा काम ठप हो गया।
छोटे व्यवसायियों और कारीगरों की हालत बहुत खराब है। हवाई प्रचार नहीं, आर्थिक मदद का ठोस पैकेज ही इन्हें इस तंगहाली से निकाल सकता है।
…उनका पूरा काम ठप हो गया। छोटे व्यवसायियों और कारीगरों की हालत बहुत खराब है। हवाई प्रचार नहीं, आर्थिक मदद का ठोस पैकेज ही इन्हें इस तंगहाली से निकाल सकता है। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 1, 2020
प्रियंका गांधी द्वारा शेयर की गई नवभारत टाइम्स की इस खबर में कहा गया है कि “प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बुनकरों की हालत बदहाल है। कभी बुनकर यहां की शान थे लेकिन बीते कुछ महीनों से स्थिति बुरी हो गई है। फिर कोरोना और लॉकडाउन ने इनकी कमर तोड़ दी। पावरलूम और हैंडलूम बंद पड़े हैं। बुनकर भुखमरी की कगार है।
खबर के मुताबिक कई लोगों ने कर्ज लेकर और गहने गिरवी रखकर छोटी-मोटी दुकान शुरू कर दी हैं ताकि कुछ गुजारा हो सके। हालत यह है कि एक दिन अगर खाने का जुगाड़ हो भी जाए तो दूसरे दिन क्या होगा, कैसे होगा, इसका कुछ अंदाजा नहीं। अपनी बदहाली और सरकार की अनदेखी से नाराज बुनकरों ने 1 जुलाई से 7 जुलाई तक सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
वाराणसी के बुनकरों की इस वक्त सबसे बड़ी मांग बिजली बिल में सब्सिडी को लेकर है जिसमें इस साल जनवरी से बदलाव कर दिए गए हैं। दरअसल पिछले साल दिसंबर योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने तय किया था कि अब पावरलूम बुनकरों को फ्लैट रेट की बजाय हर महीने मीटर रीडिंग के हिसाब से बिल तैयार होगा और एक निश्चित संख्या तक बिल में छूट दी जाएगी।”
इसके पहले मंगलवार को भी प्रियंका गांधी ने रोजगार को लेकर यूपी सरकार को निशाना साथा था। उन्होने ट्वीट कर कहा था कि “रोजगार को लेकर अभी यूपी सरकार के आयोजन में खूब घोषणाएं हुईं लेकिन उसकी असलियत खुद आप श्रमिकों से सुन लीजिए। यूपी में कोई काम नहीं है इसीलिए सबको फिर वापस जाना पड़ रहा है।
आकंड़ों के अनुसार यूपी से लगभग 1.5 लाख लोग तो अभी मुंबई वापस जा चुके हैं। यूपी सरकार ने एक आयोजन के ज़रिए यूपी में फैली भयंकर बेरोजगारी को ढँकने की कोशिश की लेकिन जमीनी सच्चाई को विज्ञापनों से कब तक छुपाया जा सकता है।
… ज़रिए यूपी में फैली भयंकर बेरोजगारी को ढँकने की कोशिश की लेकिन जमीनी सच्चाई को विज्ञापनों से कब तक छुपाया जा सकता है। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2020